साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज जिले से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से संबंधित एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बीमार किशोरी की मौत के बाद भी अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजन शव को खाट पर रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलकर घर ले गए।
इलाज के दौरान हो गई थी मौत
जानकारी के अनुसार, एक आदिवासी परिवार की किशोरी ने कीटनाशक दवा खा ली। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे खाट पर लादकर साहिबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। वहां इलाज के दौरान किशोरी की मौत हो गई।
108 पर कॉल करने के बावजूद नहीं आई एंबुलेंस
परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस सेवा के लिए 108 नंबर पर कॉल करने के बाद भी काफी देर तक वाहन नहीं मिला। मजबूर होकर परिजन शव को खाट पर रखकर 10 किलोमीटर पैदल घर ले गए।
वीडियो वायरल, सियासी घमासान शुरू
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विपक्ष ने सरकार को घेर लिया। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि साहिबगंज की हृदयविदारक घटना ने झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। इलाज के लिए खाट पर अस्पताल लाना पड़ा और मौत के बाद भी शव के लिए एंबुलेंस नहीं मिली।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एंबुलेंस संचालन की जिम्मेदारी करीबी को सौंप दी गई है, और सरकारी कामकाज में परिवारजनों का हस्तक्षेप हो रहा है।
मरांडी ने सरकार से की ये मांग
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से स्वास्थ्य विभाग और एंबुलेंस सेवाओं की तत्काल समीक्षा करने और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की।