नई दिल्ली : सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश कर 23 लड़कियों को मुक्त कराया और 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह संयुक्त अभियान पीपी श्रधानंद मार्ग, पीपी हिम्मतगढ़ और पहाड़गंज थाने की टीमों ने अंजाम दिया। बचाई गई लड़कियों में 3 नाबालिग और 10 नेपाली मूल की शामिल हैं।
खुफिया सूचना से शुरू हुई कार्रवाईडीसीपी एम. हर्षवर्धन ने बताया कि 20 मार्च को सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस को सूचना मिली थी कि पहाड़गंज के कुछ होटलों में देह व्यापार का धंधा चल रहा है। खुफिया जानकारी के आधार पर डब्ल्यू/एसआई किरण सेठी और एसआई वरुण के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।
जांच में पता चला कि पश्चिम बंगाल, नेपाल और दिल्ली के अन्य हिस्सों से लड़कियों को लाकर 1180 मेन बाजार, पहाड़गंज के एक मकान में रखा जाता था। वहां से स्कूटी के जरिए उन्हें होटलों में भेजा जाता था। टीम ने नकली ग्राहकों की मदद से गतिविधियों की पुष्टि की और छापेमारी की योजना बनाई।छापेमारी में मिली बड़ी सफलताडीसीपी ने बताया कि पुलिस ने मकान और होटल गॉड इन व मिनी पैलेस पर एक साथ छापा मारा।
इस दौरान 23 लड़कियों को बचाया गया और 7 मोबाइल फोन व 2 स्कूटी बरामद की गईं। गिरफ्तार आरोपियों में नुरशेद आलम (21), मोहम्मद राहुल आलम (22), अब्दुल मन्नान (30), तौशीफ रेक्सा, शमीम आलम (29), मोहम्मद जरूल (26) और मोनिश (26) शामिल हैं। पहाड़गंज थाने में 21 मार्च को एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें आईटीपी एक्ट की धारा 3, 4 और 5 के तहत कार्रवाई हुई।
रैकेट एक डिलीवरी मॉडल की तर्ज पर चलाया जा रहा था यह रैकेट तकनीक, परिवहन और नेटवर्किंग का इस्तेमाल कर फूड डिलीवरी की तरह सुव्यवस्थित तरीके से चलाया जा रहा था। आरोपियों ने पश्चिम बंगाल, नेपाल और दिल्ली के अन्य हिस्सों से लड़कियों को निशाना बनाया। ज्यादातर को झूठे वादों, जैसे नौकरी या बेहतर जिंदगी का लालच देकर, तो कुछ को जबरन इस धंधे में शामिल किया गया।
जांच में पता चला कि इस रैकेट की खास बात इसका परिवहन तंत्र था। लड़कियों को मकान से स्कूटी के जरिए विभिन्न होटलों, जैसे गॉड इन और मिनी पैलेस, में भेजा जाता था। यह प्रक्रिया ऑन-डिमांड डिलीवरी की तरह थी, जिसमें ग्राहकों की मांग पर तुरंत लड़कियों को उपलब्ध कराया जाता था। स्कूटी का इस्तेमाल तेजी और गुप्त तरीके से परिवहन के लिए किया जाता था, ताकि संदेह से बचा जा सके। छापेमारी में पुलिस ने 2 स्कूटी भी बरामद कीं है। जो इस गतिविधि का सबूत थीं। जांच में सामने आया है कि पहाड़गंज इलाके के कुछ होटल इस रैकेट के संचालन में शामिल थे।
आरोपियों ने होटल मालिकों या कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर कमरे बुक किए, जहां लड़कियों को ग्राहकों से मिलवाया जाता था। मोबाइल फोन के जरिए ग्राहकों से संपर्क और बुकिंग की जाती थी। पुलिस ने 7 मोबाइल फोन जब्त किए, जिनका इस्तेमाल संचार और लेनदेन के लिए होता था।रैकेट को गुप्त रखने के लिए छोटे-छोटे समूहों में काम किया जाता था। नुरशेद आलम, मोहम्मद राहुल आलम जैसे आरोपी अलग-अलग जिम्मेदारियां संभालते थे, जैसे लड़कियों की तस्करी, परिवहन और ग्राहकों से संपर्क। यह संगठित ढांचा पुलिस की नजरों से बचने में मदद करता था।