सेंट्रल डेस्क। पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. मुहम्मद यूनुस पर देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को व्यवस्थित रूप से मिटाने का गंभीर आरोप लगाया है। एक तीखे बयान में उन्होंने कहा कि देशभर में बनाए गए ‘मुक्ति योद्धा कॉम्प्लेक्स’ को नष्ट किया जा रहा है और मुक्ति योद्धाओं (Freedom Fighters) का अपमान किया जा रहा है।
हसीना ने एक साक्षात्कार में कहा….
“बांग्लादेश के स्वतंत्रता आंदोलन के सभी चिन्हों को हटाया जा रहा है। मुक्ति योद्धाओं को अपमानित किया जा रहा है। हमने उनकी स्मृति को जीवित रखने के लिए सभी जिलों में मुक्ति योद्धा कॉम्प्लेक्स बनवाए थे, लेकिन अब उन्हें जलाया जा रहा है। क्या डॉ. यूनुस इसे न्यायसंगत ठहरा सकते हैं?”
“अगर आग से खेलोगे, तो खुद भी जलोगे”- हसीना की चेतावनी
शेख हसीना ने डॉ. यूनुस को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर आग से खेलोगे, तो खुद भी जलोगे।” उनके इस बयान को मौजूदा अंतरिम सरकार की नीतियों पर एक गंभीर और कड़ा विरोध माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्य न केवल देश के इतिहास का अपमान हैं, बल्कि वे राष्ट्र की एकता और पहचान को भी खतरे में डालते हैं।
भारत में निर्वासन के बाद अब लौटने की तैयारी में हैं शेख हसीना
अगस्त 2024 में जान का खतरा देखते हुए भारत आईं शेख हसीना ने संकेत दिए हैं कि अब वे बांग्लादेश लौटने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा, “यह अल्लाह की मर्जी थी कि मैं ज़िंदा रही और आज इस काम के लिए तैयार हूं।” उनका यह बयान राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, विशेष रूप से तब जब देश में आगामी चुनावों और सत्ता संघर्ष की चर्चा जोरों पर है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और यूनुस की भूमिका
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जिसका नेतृत्व नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं, पहले ही कई आलोचनाओं का सामना कर चुकी है। लेकिन अब शेख हसीना के इस सीधे आरोप से उनकी विश्वसनीयता और नीतिगत रुख पर नए सिरे से प्रश्न उठे हैं। मुक्ति योद्धा कॉम्प्लेक्स जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों को नष्ट किए जाने के आरोप राजनीतिक और राष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बन चुके हैं।