ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अपदस्थ नेता शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अदालत की अवमानना के मामले में छह महीने की जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला बुधवार को आईसीटी-1 की तीन सदस्यीय पीठ ने सुनाया, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने की।
इस मामले में न्यायाधिकरण ने गैबांधा जिले के गोविंदगंज निवासी शकील अकंद बुलबुल को भी दो महीने की जेल की सजा सुनाई है।
Bangladesh News : पहली बार दोषी ठहराई गईं शेख हसीना
यह पहली बार है जब अवामी लीग की अपदस्थ नेता शेख हसीना को किसी कानूनी मामले में दोषी ठहराया गया है। हसीना ने 11 महीने पहले प्रधानमंत्री पद छोड़ा था और भारत भाग आई थीं। अगस्त 2024 में छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के दौरान उन्होंने एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से देश छोड़ा था। बाद में बांग्लादेश सरकार ने उनकी पार्टी अवामी लीग को प्रतिबंधित कर दिया था और पूर्ववर्ती सरकार के कई नेताओं पर मुकदमे शुरू किए गए।
शेख हसीना पर गंभीर आरोप
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर कुल पांच गंभीर आरोप लगाए गए हैं:
जनता को उकसाना
भड़काना
आपराधिक साजिश
युद्ध अपराधों में मिलीभगत
सामूहिक हत्याओं को रोकने में विफलता
इन सभी आरोपों को बांग्लादेशी कानून में मानवता के खिलाफ अपराध के दायरे में रखा गया है।
हाल ही में बांग्लादेश की युद्ध अपराध अदालत ने उन्हें मानवता के खिलाफ आरोपों का सामना करने के लिए देश लौटने का आदेश भी दिया था।
Bangladesh News : भारत में हैं शेख हसीना
77 वर्षीय शेख हसीना वर्तमान में भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश के मुख्य अभियोजक मुहम्मद ताजुल इस्लाम ने जानकारी दी कि यदि वे वापस नहीं लौटती हैं, तो अदालत उनके बिना ही सुनवाई शुरू कर सकती है। उन्होंने कहा कि हमने शेख हसीना को अदालत में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है। यदि वह अनुपस्थित रहती हैं, तो उनके खिलाफ ट्रायल जारी रहेगा।”
अंतरराष्ट्रीय नज़रें बांग्लादेश पर
इस निर्णय के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल और अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक नजरें तेज हो गई हैं। भारत और अन्य पड़ोसी देशों की प्रतिक्रिया पर भी निगाहें हैं, क्योंकि हसीना भारत में मौजूद हैं और उन पर गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों के आरोप हैं।


