पटना : बिहार के दरभंगा में एक दलित व्यक्ति के शव के अंतिम संस्कार से रोकने, शव को अपमानित करने, तोड़फोड़ व आगजनी की घटना पर केंद्र सरकार ने दखल दिया है। बिहार सरकार से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस संबंध में बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जांच करने को कहा है।
यह है आरोप
आरोप है कि बिहार के दरभंगा जिले में एक दलित श्रीकांत पासवान की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के दौरान जमकर बवाल मचाया गया। अंतिम संस्कार के दौरान शव को श्मशान से उठाकर बाहर फेंक दिया गया। इसके बाद जमकर उपद्रव भी मचाया गया।
केंद्रीय गृह सचिव ने मांगी यह रिपोर्ट
केंद्र सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला ने इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है- “केंद्रीय गृह मंत्रालय को दरभंगा जिले के कमतौल थाना अंतर्गत धर्मपुर गांव में अनुसूचित जाति के खिलाफ घोर दुर्व्यवहार किए जाने की जानकारी मिली है। दो जुलाई 2023 की रात को अनुसूचित जाति के श्रीकांत पासवान की कैंसर के कारण मृत्यु हो गई थी।
दाह संस्कार के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने उनके शव को श्मशान घाट से बाहर निकाल दिया। पिटाई की गई और बुरी तरह से अपमानित भी किया गया। श्मशान भूमि पासवान समुदाय की पैतृक श्मशान भूमि बताई जा रही है। इस भूमि पर वे हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार करते रहे हैं। उन्हें अंतिम संस्कार करने से वंचित किया गया।” “शव के साथ बेअदबी के बाद हुए हंगामे में पासवान (अनुसूचित जाति) समुदाय के कुछ घर भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए। इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने वहां पहुंचे पुलिसकर्मियों पर भी हमला कर दिया।
इसमें पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं और उनके वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। ऐसी जानकारी मिल रही है कि अनुसूचित जाति समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से मजबूर किया जा रहा है। धमकियां दी जा रही हैं। इसके बाद अनुसूचित समुदाय के लोग पलायन पर विचार कर रहे हैं।”
केंद्र ने कहा- बेहद गंभीर है मामला
केंद्रीय गृह सचिव ने पत्र में कहा है कि यह अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध का मामला हो सकता है। अंतिम संस्कार से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा हो सकता है, जिससे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे में जल्द से जल्द एक विस्तृत जांच कराने के बाद जांच की रिपोर्ट को प्रस्तुत करें।”
शव को पूरी तरह जलने भी नहीं दिया
यह वाकया पिछले महीने का है। बिहार के दरभंगा जिले में शव के अंतिम संस्कार के दौरान एक विशेष समुदाय के लोगों ने जमकर बवाल मचाया था। उपद्रवियों ने शव को पूरी तरह से जलने नहीं दिया। जब मौके पुलिस पहुंची तो पुलिस पर भी पथराव किया गया। इस पथराव में लगभग आधा दर्जन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। यह घटना दरभंगा जिले के कमतौल थाना क्षेत्र के हरिहरपुर पूर्वी पंचायत के धर्मपुर मालपट्टी गांव में घटी।
बवाल के पीछे 22 कट्ठा जमीन का मामला
बताया जाता है कि इस पूरे बवाल के पीछे श्मशान घाट की 22 कट्ठा जमीन का मामला है। पासवान समुदाय का कहना था कि शमशान भूमि उनके पुरखों की है। यहां सालों से हिंदू समाज के लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। श्रीकांत पासवान के अंतिम संस्कार के दौरान एक समुदाय के लोग पहुंच गए और श्मशान की जमीन को अपने समुदाय की जमीन बताकर हंगामा करने लगे।
पासवान जाति के लोगों का आरोप है कि उपद्रवियों ने अंतिम संस्कार में रुकावट पैदा कर दी। श्मशान भूमि पहुंचे लोगों के साथ मारपीट भी की। वहां खड़ी गाड़ियों को भी तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया। इतना ही नहीं, मौके पर पहुंची पुलिस पर भी पथराव किया। इस घटना में लगभग एक दर्जन लोग घायल हुए हैं।
शव को चिता से उठाकर गड्ढे में फेंकने का भी आरोप
इस घटना को लेकर मृतक श्रीकांत पासवान के बेटे फेकू पासवान ने आरोप लगाया कि वे अपने पिता के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान आए थे। वहां उपद्रवियों ने अंतिम संस्कार करने से रोक दिया। उपद्रवियों ने उनके पिता के शव को गड्ढे में फेंक दिया। अंतिम संस्कार में साथ आये लोगों के साथ जमकर मारपीट की गयी। स्थानीय मुखिया की गाड़ी में भी आग लगा दी गयी।
मुखिया ने कहा- शव का किया गया अपमान
घटना के संबंध में हरिहरपुर पूर्वी पंचायत के मुखिया अजय कुमार झा ने कहा कि श्रीकांत पासवान की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए उनके शव को श्मशान लाया गया था। अंतिम संस्कार के दौरान शव का अपमान किया गया। अभद्रता की गई। मुखिया ने कहा था कि कुछ हिंदुओं के घरों को भी फूंक दिया गया। घटना में कई पुलिसकर्मी और दूसरे लोगों को भी चोटें आयीं। उपद्रवियों ने घरों में लूटपाट करने की भी कोशिश की।
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