Jamshedpur News: टाटानगर रेलवे स्टेशन से शुक्रवार देर रात रेस्क्यू की गई 17 नाबालिग लड़कियों को टाटानगर जीआरपी ने शनिवार को अभिरक्षा में लेकर करनडीह स्थित सेंटर भेजा। पुलिस ने बताया कि लड़कियों के परिजनों को सूचना दी जा रही है और पुष्टि के बाद उन्हें घर भेजा जाएगा। जबकि, इन लड़कियों को ले जा रहे लोगों को छोड़ दिया गया है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रचार प्रसार विभाग के प्रदीप सिंह ने बताया कि देर रात बजरंग दल कार्यकर्ता को स्टेशन पर संदिग्ध स्थिति में कुल 20 आदिवासी बच्चे एक शख्स के साथ दिखे। सूचना मिलने पर विहिप सिंहभूम विभाग मंत्री अरुण सिंह और उनकी टीम मौके पर पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि बच्चों के पास कोई पहचान पत्र नहीं था और उनके साथ परिवार का कोई सदस्य भी नहीं था।
विहिप का आरोप है कि एक व्यक्ति खुद को फादर बता रहा था, जो एक महिला सिस्टर के साथ इन बच्चों को करनडीह लेकर जा रहा था। फादर ने रेलवे अधिकारियों को बताया कि बच्चों को दो दिन की ट्रेनिंग पर ले जाया जा रहा है। वहीं, मौके पर कुछ फादर और राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी हस्तक्षेप किया।
रेलवे प्रशासन ने तत्काल बच्चियों को करनडीह सेंटर भेजने की व्यवस्था की और जांच का आश्वासन दिया। विहिप नेता अरुण सिंह ने चेतावनी दी कि अगर जांच में धर्मांतरण जैसी गतिविधि पाई गई तो संगठन सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगा और संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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