जमशेदपुर : झारखंड के डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद किए जाने के बाद काेल्हान के 550 सममे राज्य के करीब 5 हजार शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी बेराेजगार हाे गए हैं। ऐसे में इसके विराेध में सोमवार को झारखंड अंगीभूत कॉलेज के शिक्षक कर्मचारी मोर्चा के लगभग सभी प्रतिभागी राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी ने बताया कि उन लोगों आश्वासन दिया गया था। कि जल्द उनके भविष्य काे लेकर फैसला हाेगा लेकिन इसके बावजूद अभी तक काॅलेजाें में छात्रों के इंटर में नामांकन पर रोक लगा दी गयी है। उनका कहना है कि जून माह खत्म होने को है। अगर इस माह में कोई व्यवस्था नहीं हुई तो जुलाई में कॉलेज खुलने पर पूर्णतः भयावह स्थिति उत्पन्न हो जायेगी। उन्होंने कहा कि उनकी राहत के लिए नामांकन वैकल्पिक रोजगार के लिए आवश्यक आदेश जल्द से जल्द जारी किया। या उन्हें कही समायाेजित किया जाएगा। उनका कहना है कि वर्षाें से इन काॅलेजाें में इंटर शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे हैं।ऐसे में अचानक इस प्रकार से उन्हें बाहर कैसे किया जा सकता है। इस धरना प्रदर्शन में सैकड़ाें की संख्या में शिक्षक शामिल हुए।
मजदूरों की तरह केवल हमसे लिया गया काम
उन अंगीभूत शिक्षकों में कई ऐसे भी हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। आंदोलनरत शिक्षकों ने कहा की जब हमारी जरूरत थी तो हमसे कम मानदेय पर काम लिया गया। महज 4000 की वेतन से हमने काम करना शुरू किया और अब जाकर 12 हजार हुआ है। जो नॉन टीचिंग शिक्षक हैं उनको अब भी आठ हजार ही दिए जा रहे थे। लेकिन हमलोगों ने कम मानदेय होने के बावजूद भी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करते रहे। जब परीक्षा का समय आता था तब रात के 12 बजे तक हमलोग काम करते थे। इतना ही नहीं हमलोगों को न ही ईपीएफ या मेडिकल जैसी सुविधा दी गई। केवल हमसे मजदूरों की तरह काम लिया गया. कहा की अगर उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है। तो उनमे से कुछ ऐसे भी हैं जो आत्मदाह कर लेंगे। क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति दैनिये है। अंगीभूत शिक्षक अध्यक्ष शालिनी नाग ने कहा सरकार अगर हमे समायोजित नहीं करती है तो हम अगली बार उग्र आंदलोन करेंगे।