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झारखंड की आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन से रू-ब-रू होगा 16वां वित्त आयोग

16वें वित्त आयोग ने झारखंड के प्रधान महालेखाका से मांगी चार साल के राज्य संसाधन में टैक्स और नॉन टैक्स राजस्व की विस्तृत जानकारी, और क्या है-पढ़ें

by Neha Verma
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रांची : झारखंड की आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन की वास्तविकता जानने के लिए ऑडिट की प्रधान महालेखाकार की टीम को 16वें वित्त आयोग ने दिल्ली बुलाया है। प्रिंसिपल आकाउन्टेंट जनरल (PAG) (ऑडिट) इंदू अग्रवाल के नेतृत्व में टीम गुरुवार को दिल्ली पहुंच रही है।

शुक्रवार को यह टीम एक प्रजेंटेशन के माध्यम से आयोग की ओर से मांगी गई समेकित जानकारी उपलब्ध कराएगी। टीम में पीएजी के अलावा उनके सचिव चंपक राय और सीनियर ऑडिट ऑफिसर अजय झा शामिल हैं। 28 मई को 16वें वित्त आयोग का अध्ययन दल झारखंड आ रहा है। इससे पूर्व आयोग, राज्य की आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रबंधन को समझना चाह रहा है।

आयोग ने झारखंड के प्रधान महालेखाकार से पिछले चार वर्ष के राज्य संसाधन और उसमें टैक्स और नॉन टैक्स राजस्व की स्थिति पर विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके अलावा पिछले चार साल की वर्षवार खर्च की स्थिति, एक्सपेंडीचर मैनेजमेंट सिस्टम, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति और उस पर हुए खर्च का ब्योरा भी दिया जाएगा।

पब्लिक मैनेजमेंट सिस्टम की स्थिति और राज्य सरकार की ओर से जो लोकल बॉडी को राशि दी गई है, यह जानकारी भी मांगी है। अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 30 मई को आयोग को आगामी पांच साल की मांगों को लेकर मेमोरेंडम सौंपेगी। इसमें राज्य की जरूरत और आर्थिक सहायता की जरूरत की तस्वीर पेश करेगी।

इसमें विभागों की आवश्यकता बताएगी। इससे पूर्व 28 मई को आयोग के अध्यक्ष और सदस्य पतरातू डैम और रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल म्यूजियम स्क्वायर भी जाएंगे। 31 मई को आयोग के अधिकारी यहां से प्रस्थान कर जाएंगे। इसकी पुष्टि सचिव चंपक राय ने की है।

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