जमशेदपुर : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो प्रखंड स्थित सेरेंगसिया में 1837 विद्रोह के महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के पूर्वजों की तपस्या, त्याग और बलिदान के कारण आज आदिवासी समुदाय को एक अलग पहचान मिली है। उन्होंने आदिवासियों को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जब देश की आजादी की लड़ाई शुरू भी नहीं हुई थी, तब आदिवासियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष किया और अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण के लिए 40-50 वर्षों का लंबा संघर्ष हुआ, जिसमें अनेक शहीदों ने अपनी जान गंवाई। राज्य की आजादी के लिए हुए संघर्षों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आदिवासियों को उनके हक और अधिकार मिल रहे हैं।
करोड़ों रुपये से बदलेगी सूरत
मुख्यमंत्री ने लगभग 4 अरब 12 करोड़ 24 लाख 96 हजार रुपये की लागत से 246 विकास योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें 178 योजनाओं का शिलान्यास किया, जिसमें 3 अरब 15 करोड़ 27 लाख 70 हजार 359 रुपये खर्च किए जाएंगे। 68 योजनाओं का उद्घाटन भी किया गया जिसमें 96 करोड़ 97 लाख 26 हजार 600 रुपये खर्च आएगा। इसके अलावा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत 54,946 लाभार्थियों के बीच 3 अरब 62 करोड़ 80 लाख 99 हजार रुपये की परिसंपत्तियां वितरित की गईं। इनमें जेएसएलपीएस के तहत 6,999 दीदियों को 87 करोड़ 78 लाख रुपये का कैश क्रेडिट लिमिट तथा 6,963 दीदियों को 85 करोड़ 86 लाख रुपये का बैंक लिंकेज प्रदान किया गया।
आधी आबादी को सशक्त बनाने का प्रयास
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महिलाओं को विशेष रूप से संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 2019 में उनके समर्थन से सरकार बनी और 2024 में पुनः आशीर्वाद प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि झारखंड महिलाओं को हर महीने 25-25 सौ रुपये की सम्मान राशि देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। साथ ही, उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे उन लोगों से सावधान रहें जो सरकार की योजनाओं पर लालच की नजर रखते हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करें।
गरीबों को अपने पैरों पर खड़ा करेंगे
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गरीबों को सिर्फ मदद की नहीं, बल्कि उन्हें उनके पैरों पर खड़ा करना भी जरूरी है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की बात करते हुए कहा कि कोई भी गरीब व्यक्ति सरकार से मिल रहे अनाज या अन्य सामग्री को बेचने की स्थिति में न आए। उनकी सरकार ने हर गरीब परिवार को ऐसी ताकत दी है कि वे अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने ‘आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत प्रशासन को निर्देश दिया कि वे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए उनके दरवाजे तक पहुंचे। इस कार्यक्रम के माध्यम से लाखों लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया है और यह सिलसिला अनवरत जारी रहेगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब किसी को भी ब्लॉक और जिला कार्यालय जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रशासन की टीम उनके दरवाजे तक पहुंचकर समस्याओं का समाधान करेगी।
झारखंड के खनिज से देश रोशन
मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि झारखंड के खनिज संसाधनों से पूरा देश रोशन हो रहा है, लेकिन राज्य अब भी विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। उन्होंने इस पर अफसोस जताया कि अलग राज्य बनने के बाद भी राज्य में पर्याप्त विकास कार्य नहीं किए गए। हालांकि, उनकी सरकार निरंतर राज्य के विकास के लिए काम कर रही है।
इनकी रही मौजूदगी
मंत्री दीपक बिरुवा, मंत्री रामदास सोरेन, सांसद जोबा मांझी, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक निरल पूर्ति, विधायक सोनाराम सिंकू, विधायक जगत मांझी, जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरीन, प्रमंडलीय आयुक्त हरि प्रसाद केशरी, जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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