कहां कितने घरों में लगेगी आरएफआईडी चिप
मानगो — 48 हजार 424 घर
जमशेदपुर – 80 हजार 232 घर
जुगसलाई– 25 हजार घर
Jamshedpur : जमशेदपुर को साफ-सुथरा रखने के लिए नगर विकास विभाग ने एक महत्वाकांक्षी प्लान तैयार किया है। यहां डोर-टु-डोर कचरा उठाव योजना की डिजिटल निगरानी की जाएगी। साथ ही डोर-टु-डोर कचरा उठाव का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। पूरी योजना का खाका तैयार कर लिया गया है। इसके लिए जमशेदपुर के मानगो, जुगसलाई और जमशेदपुर शहर के टाटा स्टील यूआइएसएल कमांड एरिया से बाहर के इलाकों के तकरीबन डेढ़ लाख घरों और बिल्डिंगों में रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप लगाई जाएंगी। इसका मुख्य सर्वर और डैशबोर्ड आदित्यपुर नगर निगम में होगा। डिजिटल निगरानी से यह पता चल जाएगा कि किस दिन किन मकानों से कचरा उठाव नहीं किया गया। कौन-कौन से वाहन कचरा उठाव के लिए शहर में नहीं दौड़े और वह किन-किन इलाकों में नहीं गए। यह डिजिटल निगरानी शुरू होने के बाद शहर के हर इलाके से कचरे का उठाव शुरू हो जाएगा और लौहनगरी सुंदर दिखने लगेगी।
मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगर परिषद और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी ) अपने-अपने इलाके में डोर-टु-डोर कचरा उठाव कराती है। मगर, अभी इस योजना का दायरा सीमित है। कई घरों से अभी भी कचरा उठाव नहीं हो रहा है। इन घरों का कचरा सड़क किनारे फेंका जा रहा है। इससे शहर की तस्वीर बदरंग हो रही है। यही नहीं, जिन इलाकों में कचरा उठाव हो रहा है वहां भी कचरा उठाव करने वाले कर्मी अक्सर नहीं पहुंचते। ऐसे में इन लोगों को मजबूरन कचरा सड़क किनारे ही फेंकना पड़ता है।
मानगो के आप्टिमस टावर के रहने वाले इफ्तेखार अली बताते हैं कि उनके अपार्टमेंट से गुरुवार को कचरा उठाव नहीं हुआ। सारा कचरा शुक्रवार की शाम तक अपार्टमेंट परिसर में ही जमा रहा। इन सब समस्या से निजात पाने के लिए ही नगर विकास विभाग ने मकानों और इमारतों में आरएफआईडी चिप लगाने का फैसला लिया है। यह चिप मानगो में 48 हजार 424 मकानों, शहर के गैर टाटा स्टील यूआईएसएल कमांड एरिया में 80 हजार 232 घरों और जुगसलाई के लगभग 25 हजार घरों में लगाई जाएगी। चिप लगाने का काम जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए, आदित्यपुर नगर निगम को क्लस्टर बनाया गया है।
ऐसे काम करेगी आरएफआईडी चिप
नगर निकायों की तरफ से मकानों और इमारतों पर यह चिप लगाई जाएगी। एक डिवाइस कचरा उठाव करने वाले कर्मचारी के पास रहेगी। जब कर्मी संबंधित इमारत से कचरा उठाव करने जाएगा तो कचरा लेने के साथ ही उस चिप से अपने डिवाइस को स्कैन करेगा। स्कैनिंग होते ही सर्वर को पता चल जाएगा कि इस मकान से कचरा उठाव हो गया है। क्षेत्र में कितने मकान और इमारतें हैं यह साफ्टवेयर में फीड होगा। इसी के जरिए यह पता लग जाएगा कि कितने घरों से कचरा उठाव हुआ है और कितने घरों से नहीं हुआ है। सर्वर इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को देगा। इसके बाद नगर निगम के अधिकारी उस मकान या इमारत से कचरा उठाव कराएंगे।
जमशेदपुर में होगा कचरा उठाव का विस्तार
जमशेदपुर के गैर टाटा स्टील कमांड एरिया के स्लम बस्तियों में अभी तक डोर-टु-डोर कचरा उठाव शुरू नहीं हो पाया है। इस इलाके में अब कचरा उठाव शुरू करने के लिए जेएनएसी ने प्रयास तेज कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि डोर-टु-डोर कचरा उठाव के लिए सर्विस चार्ज देना होता है। स्लम एरिया के लोग जल्दी सर्विस चार्ज देने को तैयार नहीं होते हैं। इस वजह से इन इलाकों में डोर-टु-डोर कचरा उठाव का काम नहीं हो पा रहा है। अब जेएनएसी इन इलाकों में जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है। इस अभियान के तहत स्लम एरिया के लोगों को समझाया जाएगा कि जो सर्विस चार्ज उनसे लिया जा रहा है वह कम है। वह सर्विस चार्ज दें और डोर-टु-डोर कचरा उठाव कराएं। ऐसे में उनके इलाके में कचरा उठाव शुरू हो जाएगा और क्षेत्र साफ-सुथरा होगा।
मिरूडीह में जमा होगा कचरा
आदित्यपुर के मिरूडीह में कचरा ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। यहां कचरा एकत्र किया जाएगा। यहां कचरे का सेग्रेगेशन होगा। यानि कचरे को अलग-अलग किया जाएगा। प्लांट का विरोध भी हो रहा है। पहले यह प्लांट जमशेदपुर के खैरबनी में बनाया जा रहा था। इसकी बाउंड्री वाल बन गई थी। काफी निर्माण भी हो गया था। मगर, बाद में स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से यह ट्रीटमेंट प्लांट खैरबनी में नहीं बन पाया। अब इसे मिरूडीह में बनाने की योजना है।
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