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अब IPL में नहीं दिखेंगे तंबाकू व शराब के विज्ञापन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पहल

IPL 2025: स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने आईपीएल चेयरमैन व बीसीसीआई को लिखे गए पत्र में कहा है कि क्रिकेटर्स युवा प्रशंसकों के लिए आदर्श होते हैं और आईपीएल को सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी उठानी चाहिए।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क। क्रिकेट के बड़े आयोजन इंडियन प्रीमियर लीग में अबतक तंबाकू उत्पाद पान मसाला, गुटखा व शराब के विज्ञापनों की भरमार रहती थी। IPL के इस सीजन में आपको नशे की सामग्री के विज्ञापन नजर नहीं आएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से सभी प्रकार के तंबाकू और शराब विज्ञापनों, जिनमें सरोगेट प्रमोशन भी शामिल है, को स्टेडियम व संबंधित आयोजनों और राष्ट्रीय टेलीविजन प्रसारणों में प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया है।

मंत्रालय ने IPL चेयरमैन व बीसीसीआई का लिखा पत्र
विगत 5 मार्च को आईपीएल चेयरमैन अरुण सिंह धूमल और बीसीसीआई को संबोधित एक पत्र में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक अतुल गोयल ने आईपीएल से जुड़े सभी आयोजनों और खेल स्थलों पर तंबाकू और शराब उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी आग्रह किया। पत्र में यह भी सलाह दी गई कि खेल अधिकारियों को खिलाड़ियों, कमेंटेटरों और अन्य हितधारकों को तंबाकू और शराब से जुड़े उत्पादों के प्रचार से बचने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, चाहे वह सीधे तौर पर हो या अप्रत्यक्ष रूप से।

युवाओं के आदर्श होते हैं क्रिकेटर्स, नैतिक जिम्मेदारी निभाएं
रिपोर्ट में गोयल के हवाले से कहा गया है कि क्रिकेटर्स युवा प्रशंसकों के लिए आदर्श होते हैं और आईपीएल, जो देश का सबसे बड़ा खेल मंच है, को सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करने की सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी उठानी चाहिए।

देश में बढ़ रही बीमारियों का किया उल्लेख
उन्होंने भारत में गैर-संक्रामक बीमारियों (एनसीडी) जैसे हृदय रोग, कैंसर, पुरानी फेफड़े की बीमारी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के बढ़ते बोझ का उल्लेख किया, जो मिलकर वार्षिक मृत्यु दर का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनते हैं। तंबाकू और शराब का सेवन एनसीडी का प्रमुख कारण है। उन्होंने कहा कि भारत तंबाकू से संबंधित मौतों में दुनिया में दूसरे स्थान पर है, जहां लगभग 1.4 मिलियन मौतें हर साल होती हैं, जबकि शराब देश में सबसे व्यापक रूप से उपयोग होने वाला साइकोएक्टिव पदार्थ है।
आईपीएल का आगामी सीजन 22 मार्च से शुरू होने वाला है और गोयल ने तंबाकू और शराब विज्ञापनों को रोकने के लिए सख्त नियमों के पालन की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत का अल्कोहल-बेवरेज उद्योग
चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत विश्व में मात्रा के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा अल्कोहल-बेवरेज बाजार है, अल्कोहल-बेवरेज बाजार का FY15 में 1.7 ट्रिलियन रुपये से FY28 तक 5 ट्रिलियन रुपये तक बढ़ने का अनुमान है। स्टैटिस्टा का अनुमान है कि 2025 में भारत के तंबाकू उत्पादों बाजार से राजस्व 14.0 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और इसकी वार्षिक विकास दर 4.30 प्रतिशत (CAGR 2025-2029) रहने का अनुमान है।

दो प्रतिशत से भी कम है शराब व तंबाकू का विज्ञापन

रिपोर्ट के अनुसार हालांकि तंबाकू और शराब विज्ञापन भारत के कुल विज्ञापन खर्च का 2 प्रतिशत से कम हिस्सा बनते हैं, ये उद्योग आईपीएल जैसे हाई-प्रोफाइल आयोजनों में भारी निवेश करते हैं। हालांकि, नए कड़े नियमों के लागू होने के साथ कंपनियां ब्रांड विस्तार के विज्ञापनों में 20-30 प्रतिशत की कटौती कर सकती हैं।

OCC के लिए भी नई नियमावली का प्रस्ताव
अपने व्यापक एंटी-तंबाकू अभियान के तहत, सरकार ने ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट (OCC) प्लेटफार्मों जैसे नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो पर नई नियमावली का प्रस्ताव भी किया है। इन नियमों में यह अनिवार्य किया गया है कि OCC प्लेटफॉर्म्स पर तंबाकू का उपयोग दिखाने वाली सामग्री के शुरुआत और मध्य बिंदु पर कम से कम 30 सेकंड का गैर-स्किपेबल एंटी-तंबाकू स्वास्थ्य स्पॉट दिखाना चाहिए।

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