नागपुर : औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद ने नागपुर में हिंसा का रूप ले लिया है। सोमवार देर रात महल इलाके में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद हंसापुरी में भी हिंसा भड़क गई। अज्ञात हमलावरों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, गाड़ियों को आग लगाई और पथराव किया। इससे क्षेत्र में तनाव फैल गया और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।
क्या बोले नागपुर के पुलिस कमिश्नर
नागपुर के पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंदर सिंघल ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि इस हिंसा के बाद हालात अब नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना सोमवार को रात 8:30 बजे के आसपास हुई। बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ है, दो गाड़ियों में आग लगाई गई है और पथराव हुआ है। हम जल्द ही उपद्रवियों की पहचान करके उन्हें गिरफ्तार करेंगे। कमिश्नर ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल
नागपुर में हिंसा के दौरान 25 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। महल इलाके में पथराव और आगजनी की घटनाओं के बाद जोन 3, 4 और 5 में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस ने आदेश जारी किया है कि लोग बेवजह बाहर न निकलें। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों और बाइक को आग के हवाले कर दिया, इसके साथ ही 2-3 पोकलेन मशीनों में भी आग लगा दी।
विपक्षी दलों का हमला
नागपुर में हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने इसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृहनगर में कानून व्यवस्था के पतन के रूप में देखा। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि राज्य की कानून-व्यवस्था पहले से भी अधिक खराब हो गई है और मुख्यमंत्री का गृहनगर नागपुर इसका सामना कर रहा है।
शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए राज्य को हिंसा की ओर धकेल रही है। यह गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से हो रहा है’।
कांग्रेस नेता की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी राज्य सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि नागपुर 300 साल पुराना शहर है, जहां अब तक कोई दंगा नहीं हुआ था। क्या सरकार ने विहिप और बजरंग दल के प्रदर्शन को लेकर कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की? उन्होंने इसे एक राजनीतिक खेल बताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का बयान
महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे खान ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि इस हिंसा में बाहर से आए असामाजिक तत्वों का हाथ है, जो नागपुर की शांति को बिगाड़ने के लिए यहां आए थे।
उन्होंने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और नागपुर जैसे शहर में ऐसी हिंसा नहीं होनी चाहिए। यहां सभी धर्मों के लोग शांति से रहते हैं और यह किसी के भी भले के लिए नहीं है।