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क्या होता है प्रेग्नेंसी ब्रेन, स्टडी में बताया गया 80% महिलाएं होती है इसका शिकार

गर्भावस्था कैसे आपके ब्रेन को पॉजिटिवली बदल देती है। जिसे विज्ञान की भाषा में matrescence कहा जाता है। यह हॉर्मोन से भी बहुत आगे की चीज होती हैं। वे मस्तिष्क के न्यूरोलॉजिकल-रीशेपिंग एरिया है, जो सहानुभूति और देखभाल की भावना को बढ़ाते हैं।

by Reeta Rai Sagar
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हेल्थ डेस्क। Pregnancy वैसे तो बेहद खूबसूरत एहसास है, लेकिन इसके साथ-साथ आते है कई सारे शारीरिक बदलाव। जैसे- हार्मोन चेंजेज, मूड स्विंग, थकावट, हार्ट रिलेटेड, ब्रीदिंग, डाइजेशन, यूरिनरी ट्रैक्ट और ब्रेन चेंजेज। पहली बार, शोधकर्ताओं ने बताया है कि गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क में भी बदलाव होते है। नेचर न्यूरोसाइंस में प्रकाशित अध्ययन गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद होने वाले न्यूरोनाटोमिकल चेंज के बारे में बात करते है।

क्या है न्यूरोलॉजिकल-रीशेपिंग एरिया

ये परिवर्तन, एक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसे विज्ञान की भाषा में matrescence कहा जाता है। यह हॉर्मोन से भी बहुत आगे की चीज होती हैं। वे मस्तिष्क के न्यूरोलॉजिकल-रीशेपिंग एरिया है, जो सहानुभूति और देखभाल की भावना को बढ़ाते हैं। इस अध्ययन की मानें तो मातृत्व सचमुच आपको फिर से जीना सिखाता है। चलिए जानते है कि गर्भावस्था कैसे आपके ब्रेन को पॉजिटिवली बदल देती है, जिससे आपको आने वाले बच्चे के प्रति केयरिंग की भावना को बढ़ाता है।

इस शोध में प्रीकंसेप्शन से लेकर पोस्टपार्टम तक के दो साल के समय का अध्ययन किया गया है। ब्रेन में होने वाले बदलावों का गहन अध्ययन करने के लिए हाईटेक इमेजिंग मशीन का इस्तेमाल किया गया। इससे इस दौरान होने वाले गुड और नॉट गुड दोनों ही संबंध में जानकारी मिलती है। इसमें पता चलता है कि इमोशनल रेगुलेशन, सोशल कनेक्शन और मैटरनल बॉन्डिंग बढ़ती है।

मानसिक बदलावों में ब्रेन की संरचना भी बदल जाती है
16 दिसंबर को प्रेग्नेंट महिलाओं के ब्रेन पर हुए रिसर्च से पता चलता है कि शरीर में होने वाले बदलावों के साथ-साथ होने वाले मानसिक बदलावों में ब्रेन की संरचना भी बदल जाती है। ब्रेन की आउटर लेयर पतली होने लगती है, इसका वॉल्यूम बढ़ने लगता है और भीतरी परत मोटी हो जाती है, इसका वॉल्यूम कम होने लगता है। हालांकि ये बदलाव पॉजिटिव चेंज लाते है।

महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता पर भी पड़ सकता है असर
इस बदलाव का नकारात्मक पहलू भी है, जिसमें बताया गया कि इस दौरान मेमोरी लॉस जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसी कारण प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं कई चीजें भूलने लगती है। महिलाओं के निर्णय लेने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। फोकस रहने, चीजों को व्यवस्थित रखने में मुश्किलें हो सकती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की स्टडी में बताया गया कि 80 फीसदी महिलाओं को प्रेग्नेंसी ब्रेन की समस्या होती है।

इसलिए ऐसे में परिवार वालों को नई मां को पूरी तरह से सपोर्ट करना चाहिए और हर वक्त आसपास का माहौल खुशनुमा बनाकर रखना चाहिए।

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