Home » जमाखोरी पर लगाम, पूरे देश में गेहूं के भंडारण की सीमा हुई तय, जानें कितना रख सकते है स्टॉक 

जमाखोरी पर लगाम, पूरे देश में गेहूं के भंडारण की सीमा हुई तय, जानें कितना रख सकते है स्टॉक 

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नई दिल्ली : Wheat stock Droped: गेहूं की बढ़ती कीमतों और जमाखोरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर) पर तत्काल प्रभाव से गेहूं का स्टॉक रखने की सीमा तय कर दी है। ये नियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगे।

Wheat stock Droped: हर शुक्रवार करना होगा स्टॉक का खुलासा

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एकल खुदरा विक्रेता, बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता, प्रसंस्करणकर्ता और थोक विक्रेता हर शुक्रवार को अपने गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे। नए नियमों के तहत बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं की खुदरा दुकानों और व्यक्तिगत दुकानों को 10 टन तक गेहूं का भंडारण करने की अनुमति है।

 

बड़े डिपो में 3,000 टन की सीमा तय

 

व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं के बड़े डिपो में प्रत्येक के लिए 3,000 टन की सीमा तय की गई है। प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए सीमा का निर्धारण उनकी मासिक स्थापित क्षमता (एमआईसी) के 70 प्रतिशत को वित्त वर्ष 2024-25 के शेष महीनों से गुणा करके निकाला जाएगा।

 

स्टॉक को पोर्टल पर डालने का निर्देश

सरकार ने सभी संस्थाओं को अपने स्टॉक के बारे में बताने और इसे खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर नियमित रूप से डालने का आदेश दिया है। निर्धारित सीमा से अधिक स्टॉक रखने वालों को नए मानदंडों का पालन करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है। चोपड़ा ने जोर देकर कहा कि मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं। फिलहाल गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा का कोई प्रस्ताव नहीं है।

 

अमित शाह की बैठक के बाद आया फैसला

यह निर्णय पिछले सप्ताह गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद आया है, जिसमें अधिकारियों को गेहूं की कीमतों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया था। सरकार ने तब उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने का संकेत दिया था। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों में दो रुपये प्रति किलोग्राम तक की बढ़ोतरी हुई है।

 

Wheat stock Droped: 34.29 से 36.13 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़े दाम

 

20 जून तक गेहूं का औसत खुदरा मूल्य एक साल पहले के 28.95 रुपये से बढ़कर 30.99 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। गेहूं के आटे की कीमतें भी पिछले साल के 34.29 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 36.13 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। सरकार का कहना है कि उसके पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त गेहूं का स्टॉक है, जो लगभग 1.84 करोड़ टन है।

Related Articles