सेट्रल डेस्क: अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या फिर इसकी हलचल पर नजर रखते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। इन दिनों शेयर बाजार की हालत बेहद खराब है। खासकर फरवरी महीने के आखिरी दिन, जब सेंसेक्स और निफ्टी दोनों लाल निशान पर खुले, पूरे बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट ने ना सिर्फ निवेशकों की कमाई को नुकसान पहुंचाया बल्कि शेयर बाजार ने 28 सालों का एक भयावह रिकॉर्ड भी तोड़ डाला।
7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान: मार्केट कैप गिरकर 385.94 लाख करोड़ रुपये
सेंसेक्स में गिरावट का ऐसा तूफान आया कि बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 7.16 लाख करोड़ रुपये घटकर 385.94 लाख करोड़ रुपये रह गया। यह आंकड़ा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि निवेशकों ने पिछले कुछ महीनों में भारी नुकसान उठाया है। खास बात ये है कि 1996 के बाद यह पहला मौका है जब लगातार पांच महीने शेयर बाजार में गिरावट का दौर देखने को मिला है। इस तात्कालिक गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया है और उनके लाखों रुपये स्वाहा हो गए हैं।
क्यों गिरी शेयर बाजार की हालत?
इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए टैरिफ बयान। ट्रंप के मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने के ऐलान ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी, जिसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ा। इसके अलावा धीमी आर्थिक वृद्धि, कमजोर कमाई और विदेशी निवेशकों की निरंतर बिकवाली ने भी भारतीय शेयर बाजार पर दबाव डाला।
पिछले कुछ दिनों से बेंचमार्क इंडेक्स के लिए स्थिति नकारात्मक रही है। छोटे बदलावों ने निवेशकों को सतर्क किया है और बाजार में मंदी का माहौल बना दिया है। साथ ही, जीडीपी के आंकड़ों का भी इंतजार किया जा रहा है, जिससे आर्थिक तस्वीर और साफ हो सकेगी।
सेंसेक्स और निफ्टी में भूचाल, बड़े शेयरों में बिकवाली
शुक्रवार के कारोबारी दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों की हालत खस्ता हो गई। सेंसेक्स 940 अंक गिरकर 73,610.44 पर पहुंच गया, वहीं निफ्टी भी 22,300 के नीचे जा चुका था। खासकर बैंकिंग, आईटी, ऑटो और मेटल सेक्टर में भारी बिकवाली देखी गई। इससे शेयर बाजार के अहम शेयरों में भी गिरावट आई, जिनमें रिलायंस, आईटीसी, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से शामिल रहे।
निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?
अब सवाल ये उठता है कि निवेशकों को इस स्थिति में क्या करना चाहिए? एंजेल वन के तकनीकी और डेरिवेटिव शोध प्रमुख समीत चव्हाण के मुताबिक, इस समय बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में निवेशकों को वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये घरेलू बाजारों के लिए शुरुआती रुख तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। चव्हाण का कहना है कि फिलहाल आक्रामक दांव लगाने से बचना चाहिए और बाजार में गति लौटने तक सतर्क रहना चाहिए।
इस दौरान, निवेशकों को अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है और उन्हें जोखिमों से बचने के लिए सोच-समझ कर निवेश करना चाहिए।
क्या है इस गिरावट का असर?
यह गिरावट खासतौर पर उन निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन गई है, जिन्होंने लंबे समय से शेयर बाजार में निवेश किया था। शेयर बाजार की अस्थिरता ने बहुतों को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है और यह एक चेतावनी भी है कि निवेशक किसी भी बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें। वहीं, जो निवेशक सतर्क रहते हुए सही समय पर सही निवेश करते हैं, वे आने वाले समय में इस गिरावट से उबर सकते हैं।
निवेशकों के लिए आगे की योजना क्या हो?
इस स्थिति में सबसे जरूरी बात यह है कि निवेशक अपनी लंबी अवधि की योजना पर ध्यान दें। निवेशक अगर छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हो जाते हैं, तो उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए, उन्हें सोच-समझ कर दीर्घकालिक निवेश योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, अपनी पोर्टफोलियो को विविध बनाकर जोखिम को कम किया जा सकता है।
आज का समय, शेयर बाजार के प्रति सतर्क रहने और समझदारी से निवेश करने का है। आने वाले समय में क्या होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन यही सही वक्त है जब निवेशक अपनी निवेश रणनीति पर फिर से विचार कर सकते हैं।