आनंद मिश्र/जमशेदपुर: सिदगोड़ा स्थित जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में बड़े-बड़े अधिकारियों के परिजनों को एडमिशन से लेकऱ सर्टिफिकेट्स निकालने तक के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में आम छात्राओं व शिक्षिकाओं का क्या हाल होता होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
दरअसल मामला राज्य के एक रेंज के डीआईजी से जुड़ा है। उनकी पत्नी यहां उस समय से संविदा आधारित सहायक प्राध्यापक के रूप में कार्यरत थीं, जब यह कॉलेज हुआ करता था। इस तरह करीब 12-13 वर्षों तक उन्होंने यहां शिक्षण कार्य किया। उसके बाद निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया। अब उन्होंने यूनिवर्सिटी में एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है। जानकारी के अनुसार उन्होंने करीब 15 दिनों पूर्व आवेदन किया था। उसके बाद शुक्रवार की दोपहर करीब तीन बजे तक सर्टिफिकेट नहीं मिला था। कुल मिलाकर डीआईजी की पत्नी के सर्टिफिकेट के लिए सिदगोड़ा थाना पुलिस परेशान है और यूनिवर्सिटी प्रशासन अनजान है।
एक घंटे में दो बार आया जवान
शुक्रवार को डीआईजी की पत्नी के सर्टिफिकेट की अद्यतन जानकारी लेने के लिए सिदगोड़ा थाने से एक जवान ने एक घंटा (दोपहर 2:00 से 3:00 बजे के बीच) में दो बार यूनिवर्सिटी का चक्कर लगा लिया। दोनों बार उसे बताया गया कि सर्टिफिकेट तैयार है, लेकिन रजिस्ट्रार मीटिंग में हैं। उनका हस्ताक्षर नहीं हुआ है। जवान को रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि सिंडिकेट की मीटिंग चल रही है। मीटिंग कब समाप्त होगी, इस संबंध में कुछ कहा नहीं जा सकता। मीटिंग समाप्त होने के बाद सर्टिफिकेट पर रजिस्ट्रार से हस्ताक्षर करा लिया जायेगा।
मैडम के सर्टिफिकेट को लेकर जवान ने अपने मोबाइल से कर्मचारी की सिदगोड़ा थाना प्रभारी से भी बात करायी। इसके बाद कर्मचारी ने खुद भी उनसे बात कर जानने का प्रयास किया कि क्या सर्टिफिकेट जवान को दे दिया जाय। ऐसी है बड़ी-बड़ी उपलब्धियों की ताल ठोकने वाली जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की कार्यशैली।