

Ranchi (Jharkhand) : बिहार-झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स यूनियन (BSSR Union) ने दवा और स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर एक विशेष राज्य स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन किया। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में दवा और स्वास्थ्य संबंधी सभी उपकरणों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी (Zero GST) लागू करने की जोरदार मांग उठाई गई।

कन्वेंशन का मुख्य उद्देश्य दवाओं की बढ़ती कीमतों और जनता पर पड़ रहे आर्थिक बोझ पर विचार-विमर्श करना था। यूनियन ने सरकार से मांग की है कि दवा और स्वास्थ्य उपकरणों को विलासिता का सामान न मानकर मौलिक अधिकार समझा जाए।

प्रमुख मांगें
- दवाओं की कीमतों में कमी लाना।
- दवाओं और स्वास्थ्य संबंधी सभी उपकरणों पर शून्य प्रतिशत जीएसटी लागू करना।
- विदेशों से आयातित दवाओं पर आयात शुल्क शून्य करना।
- दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए बुनियादी ढांचे का विकास और घटिया दवाओं की बिक्री पर रोक लगाना।
विभिन्न संगठनों ने किया समर्थन
कन्वेंशन की अध्यक्षता संगठन के कोषाध्यक्ष मनोज चौधरी ने की। इसमें विभिन्न संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी हिस्सा लिया और अपनी मांगों का समर्थन किया। इनमें बीएसएसआर यूनियन के सचिव पीयूष गुप्ता, सीटू रांची के जिला सचिव प्रतीक मिश्रा, और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) रांची के अध्यक्ष डॉ. काजल शेखर चौधरी शामिल थे।

वक्ताओं ने अपने संबोधन में दवा उद्योग की चुनौतियों और सरकार से अपेक्षित नीतिगत बदलावों पर जोर दिया। कन्वेंशन में लगभग 55 प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इसके साथ ही, बीएसएसआर यूनियन ने अपने अखिल भारतीय संगठन एफएमआरएआई के निर्देश पर 26 से 31 अगस्त तक डीपी दुबे की स्मृति में विभिन्न स्थानों पर जनसभाएं और नुक्कड़ सभाएं आयोजित करने की बात कही है, ताकि इन मुद्दों को आम जनता तक पहुंचाया जा सके।
