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बचकर भाग रहे दुखन को गजराज ने सूंड में लपेटा, पटककर ले ली जान

by Rakesh Pandey
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गुमला : झारखण्ड में गजराज उत्पात मचा रहे हैं। चाहे खेत में खड़ी फसल हो या घर में रखा अनाज, उनका निवाला बन रहा है। और तो और, आए दिन लोगों की जान ले ले रहे हैं। ऐसे में लोगों का आक्रोश वन प्रशासन के प्रति बढ़ रहा है। हाथियों के चलते जान जाने की कड़ी में एक नाम और बढ़ गया है। गुमला जिले के जिले के चैनपुर थाना अंतर्गत सदान बुकमा निवासी 52 वर्षीय दुखन नगेसिया की मौत हाथी द्वारा पटककर कुचल दिए जाने से हो गई।

घर के बाहर मवेशियों को चारा देने जा रहा था दुखन, आ धमका हाथी

हाथी के उत्पात की यह घटना शानिवार की सुबह की है। करीब 52 वर्षीय दुखन नगेसिया सुबह उठकर गाय-बैल को चारा देने की तैयारी कर रहा था। जैसे ही वह अपने घर से बाहर निकला, हाथी उस पर हमला कर दिया। दुखन ने बचने का काफी कोशिश की। बल्कि जान बचाने के लिए वह कुछ दूर भागा भी लेकिन हाथी की तेजी के आगे वह पार न पा सका। कुछ ही दूरी पर कीचड़ में पड़ने से उसका पैर फिसल गया। पैर फिसलने के कारण वह जमीन पर गिर गया। दुखन के गिरते ही हाथी ने सूंड में लपेटकर उठा लिया और आगे निकल गया। वहां से कुछ ही दूर जाने के बाद हाथी ने दुखन को जमीन पर पटक दिया जिससे उसकी जान ही निकल गई।

ग्रामीणों में बढ़ रहा भय, गुस्सा व आक्रोश

घटना की प्रत्यक्षदर्शी गांव की प्रतिमा देवी ने बताया कि हाथी दुखन को उसके घर से कुछ दूर तक सूंढ से उठाकर ले जाते हुए कई लोगों ने देखा। यह दृश्य देखकर ग्रामीण इधर-उधर भागने लगे। घटना के बाद वन विभाग के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों का कहना था कि यहां के लोगों के जान-माल की सुरक्षा का तनिक भी चिंता वन विभाग को नहीं है। आए दिन इस गांव में जंगली हाथी पहुंच जाते हैं। विचरण करते हुए लोगो के घरों एवं फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। पहले तो सिर्फ रात में डर रहता था लेकिन अब तो दिन में ही हाथी गांव में प्रवेश कर जा रहे हैं। इस नई घटना के बाद ग्रामीण भय के साये में हैं।

ग्रामीणों में भय, न दिन को चैन न रात को
ग्रामीणों के बीच इस बात का भय सता रहा है कि गांव में फिर कभी भी ऐसी घटना हो सकती है। इधर घटना की सूचना मिलने पर प्रमुख ओलिभा कांता कुजूर घटनास्थल पर पहुंची। मृतक की पत्नी लक्ष्मनिया नगेसिया से मिलकर उन्होंने ढांढस बंधाया। इस दौरान मृतक की पत्नी लक्ष्मनिया नगेसिया प्रमुख के कंधे से लिपट गईं और फूट-फूटकर रोने लगी। कहा कि जंगली हाथी इन क्षेत्रों में दिन-रात विचरण कर रहे हैं आए दिन लोगों के घरों को निशाना बना रहे हैं जिसके बाद भी वन विभाग हाथी को क्षेत्र से खदेड़ने में लापरवाही दिखा रहा है।

ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी, अंत्येष्टि को मिले बीस हजार
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम की ओर से मृतक के परिजनों को तत्काल 20 हजार रुपये दुखन की अंत्येष्टि के लिए दिए गए। प्रभारी वनपाल बुद्धदेव बड़ाईक ने कहा कि हाथी को क्षेत्र से खदेड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयासरत है। हाथी भगाने के लिए आठ सदस्यीय टीम भी गठित की गई है। हर तरह का प्रयास किया जा रहा है जल्दी हाथी को खदेड़ा जाएगा। इधर ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा इस क्षेत्र में जंगली हाथियों को प्रकोप बढ़ता ही जा रही है। वन विभाग की ओर से हाथियों को जल्द से जल्द खदेड़ा नहीं गया तो चैनपुर डुमरी एवं जारी प्रखंड से सैकड़ों लोग वन विभाग कार्यालय का घेराव कर आंदोलन करेंगे।

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