रांची : रांची के पंडरा थाना क्षेत्र में आशीर्वाद आटा कंपनी के अकाउंटेंट से हुई 13 की लूटपाट के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया। लूट में शामिल आठ अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनमें साजिशकर्ता चंद्रशेखर प्रसाद सिन्हा, राजेश श्रीवास्तव, संतोष कुमार सिंह, कारू सिंह, प्रकाश साव, पूनम देवी, नीलम देवी व साधना सिंह शामिल हैं। वहीं घटना में शामिल दो अन्य अपराधियों की तलाश में पुलिस संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस ने इनके पास से 7.65 एमएम का देशी पिस्टल, 12 बोर का कट्टा, 12 गोलियां, 2.63 लाख नकद, दो बाइक और एक कांड में इस्तमाल स्कॉर्पियो कार बरामद किया गया है। पुलिस की एसआईटी टीम ने यह कार्रवाई की। एसआईटी ने छापेमारी करते हुए रांची और रामगढ़ से सभी को गिरफ्तार किया है। कंपनी में काम करने वाला पूर्व कर्मी चंद्रशेखर प्रसाद सिन्हा ही पूरे मामले का मास्टरमाइंड निकला। उसे पहले से जानकारी थी कि सुमित पैसा लेकर बैंक जाने वाला है। चंद्रशेखर, राजेश और संतोष का आपराधिक इतिहास रहा है। तीनों के खिलाफ अलग-अलग थाना में कई मामले दर्ज हैं। पकड़े गए सभी अपराधियों की गिरफ्तारी रांची और रामगढ़ से की गई है। परे मामले का खुलासा रांची एसएसपी सह डीआईजी चंदन कुमार सिप्हा ने रविवार को प्रेस कांफ्रेस कर की।
तीन अपराधियों को पुलिस ने खदेड़कर पकड़ा
एसएसपी ने बताया कि चार जनवरी को गुप्त सूचना मिली कि लूटकांड और गोली चलाने वाले अपराधी पिस्का मोड़ की ओर जा रहे हैं। पुलिस ने ईटकी रोड, दीपाटोली के पास चेकिंग अभियान शुरू किया। इस दौरान पुलिस को देखकर तीन बाइक सवार अपराधी भागने लगे। पुलिस ने सभी को खेदेड़ कर पकड़ा। पूछताछ ने तीनों ने अपना नाम राजेश श्रीवास्तव उर्फ राजेश सिंह, चंद्रशेखर प्रसाद सिन्हा, और प्रकाश साव बताया। सभी की तलाशी लेने पर चंद्रशेखर के पास से एक लोडेड देशी पिस्टल, पांच गोलियां व राजेश श्रीवास्तव के पास से 12 बोर का देशी कट्टा और चार गोलियां बरामद किया गया। साथ ही एक होंडा साइन बाइक को भी जब्त कर लिया गया। तीनों ने लूटकांड में शामिल होने की बात स्वीकार ली। इसके बाद पूछताछ के बाद पुलिस का हाथ सभी कांड में शामिल अपराधियों के गिरेबान तक पहुंचा।
बैंक में कैश जमा होने की पहले से थी जानकारी
एसएसपी ने बताया कि बताया कि अशीर्वाद आटा कंपनी के मैनेजर से 13 लाख रुपये की लूट की योजना चंद्रशेखर प्रसाद ने बनाई थी। चंद्रशेखर पूर्व में आशीर्वाद आटा कंपनी में काम करता था। उसे पता था कि कंपनी के कलेक्यान का पैसा हर दो से तीन दिनों में बैंक में जमा होता है। इसे यह भी पता था कि सोमवार को ज्यादा अमाउंट में पैसा डाला जाता है। इसके बाद चंद्रशेखर ने सभी अपराधियों के साथ मिलकर सोमवार को लूटकांड को अंजाम देने की योजना बनाई।
एक बार फेल हो गया था प्लान
एसएसपी ने बताया कि अपराधियों ने कई बार लूट की घटना को अंजाम देने के लिए रेकी की। पहले 23 दिसंबर 2024 को घटना को अंजाम दिया जाना था। इस दिन सभी अपराधी आशीर्वाद आटा गोदाम के पास जुटे भी थे, लेकिन अपने प्लान में कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद सभी ने 30 दिसंबर को घटना को अंजाम दिया। इस दौरान एक युवक को चंद्रशेखर ने गोली मार दी थी।
सीसीटीवी फुटेज से पहचाने गए थे अपराधी
एसएसपी ने बताया लूटपाट की घटना के बाद जांच करने के लिए कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी हर पहलू को खंगाल रही थी। घटना की सीसीटीवी फुटेज में एक अपराधी का पहचान किया था। फिर अन्य जगहों की सीसीटीवी खंगालने के बाद पुलिस को अन्य अपराधियों का पता चला। जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों के धर पकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी थी।
बाइक सवार अपराधियों ने दिया था घटना को अंजाम
बीते 30 दिसंबर 2024 को पंडरा थाना क्षेत्र के ओटीसी ग्राउंड स्थित आईसीआईसीआई बैंक के बाहर तीन बाइक सवार अपराधियों ने आशीर्वाद आटा कंपनी के मैनेजर सुमित कुमार गुप्ता से 13 लाख रुपये लूट लिए थे। इस दौरान बीच-बचाव करने आए एक युवक पर अपराधियों ने दो गोलियां दाग दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद सभी अपराधी फरार हो गए थे।
रातू में हुए 11 लाख रुपये के लूटकांट का खुलासा नहीं कर पाइ पुलिस
रातू थाना क्षेत्र के काठीटांड में एसबीआई बैंक के बाहर रिलायंस पेट्रोल पंप के कर्मी से हुई 11 लाख की लूटपाट का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई। इस घटना को बाइक सवार दो अपराधियों ने अंजाम दिया था। बता दें पंडरा लूटकांड की घटना का सीसीटीवी फुटेज में एक अपराधी का चेहरा सामने आया था। उस समय पुलिस ने कहा था कि वह रातू लूटकांड में भी शामिल था। लेकिन इस मामले का उद्भेदन नहीं हो पाया। इस कांड में शामिल अपराधी अभी भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।
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