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Dalma forest deer : वन विभाग की लापरवाही से खतरे में थी हिरण की जान, ग्रामीण ने बचाई

दलमा के जंगल से भटककर बोड़ाम बाजार पहुंच गया था हिरण

by Mujtaba Haider Rizvi
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जमशेदपुर : दलमा में जानवरों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। उच्च तकनीक वाले जमाने में भी यहां अभी कोई ऐसा सिस्टम विकसित नहीं किया गया है जिससे जानवरों पर निगाह रखी जा सके। दलमा से भटककर एक नर हिरण गुरुवार सुबह बोड़ाम बाजार पहुंच गया। सुबह करीब 5 बजे हिरण बोड़ाम के समीप दिखाई दिया, जिसके बाद कुत्तों के एक झुंड ने उसे दौड़ा लिया। कुत्तों के हमले से बचते हुए हिरण श्यामापद गोप के आंगन में लगे जाल में फंस गया। कुत्तों ने उसपर हमला किया और उसे नोचना शुरू कर दिया। इस दौरान हिरण के शरीर पर कई जगहों पर चोटें आईं, जिससे खून निकलने लगा। आवाज सुनकर श्यामापद गोप घर से बाहर निकले और उन्होंने कुत्तों से हिरण को बचाया। गोप ने तुरंत ही जड़ी-बूटी से हिरण के घावों का इलाज किया और उसे सुरक्षित अपने घर में रख लिया। इसके बाद उन्होंने इस घटना की जानकारी बोड़ाम थाना और वन विभाग को दी।

बोड़ाम थाना के सहायक अवर निरीक्षक मोहम्मद मजीद ने घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। साथ ही, इस घटना की जानकारी पाकर आसपास के गांव के लोग भी हिरण को देखने के लिए पहुंचे। गांव में पहली बार हिरण के देखे जाने से लोग तरह-तरह के कयास लगाने लगे। कुछ लोगों का मानना था कि दलमा में घूम रहे बाघ की वजह से यह हिरण जंगल से भागकर गांव में पहुंचा था। सुबह करीब 10 बजे वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची और हिरण को गाड़ी में लादकर सुरक्षित स्थान पर ले गई। वन विभाग के कर्मचारियों ने श्यामापद गोप की सराहना की, जिन्होंने कुत्तों के हमले से हिरण की जान बचाई। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जंगलों से आए जानवरों के लिए गांवों में सुरक्षा की आवश्यकता है, और श्यामापद गोप ने एक साहसी कदम उठाते हुए इस हिरण की जान बचाई।

वन विभाग कर रहा हिरण का इलाज
डीएफओ सबा अंसारी ने बताया कि जैसे ही वन विभाग को इस घटना की जानकारी मिली उनकी टीम फौरन घटनास्थल पर पहुंची। हिरण का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दलमा का रकबा 193 वर्ग किलोमीटर है। यहां हिरण और भालू की संख्या काफी है। ऐसे में जानवरों पर निगाह रखना मुश्किल है कि वह कब किधर जा रहे हैं।

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