जमशेदपुर: जमशेदपुर की सियासी फिजा एक बार फिर शिलापट को लेकर तप रही है। जमशेदपुर पश्चिम के मौजूदा विधायक सरयू राय और पूर्व विधायक बन्ना गुप्ता एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इस बार विवाद की जड़ है – विकास योजनाओं पर लगे शिलापट और उस पर दर्ज नाम।
कांग्रेस की जिला इकाई ने पूर्व विधायक बन्ना गुप्ता के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को साकची स्थित डीसी ऑफिस पर जोरदार प्रदर्शन किया। आरोप लगाया गया है कि जिन योजनाओं का शिलान्यास बन्ना गुप्ता ने अपने कार्यकाल में वर्ष 2024 के जुलाई और अगस्त में किया था, उन्हीं योजनाओं पर अब विधायक सरयू राय अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने नाम के शिलापट लगवा रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि यह न सिर्फ एक जनप्रतिनिधि के योगदान का अपमान है, बल्कि राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा भी है। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि मानगो नगर निगम और जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के कुछ अधिकारी भी इस “षड्यंत्र” में शामिल हैं। कांग्रेस ने साफ चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इन योजनाओं पर बन्ना गुप्ता का नाम नहीं जोड़ा गया, तो वे सड़कों पर उतरकर खुद शिलापट लगाएंगे।
जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे ने प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि ये योजनाएं किसकी देन हैं और अगर प्रशासन ने आंख मूंदी, तो कांग्रेस इसका करारा जवाब देगी।
इस पूरे मामले ने न सिर्फ राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, बल्कि चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित करने की संभावना बन गई है। अब देखना ये है कि जिला प्रशासन इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है और दोनों नेताओं के बीच बढ़ती तल्ख़ी का क्या नतीजा निकलता है।