Jamshedpur News : जमशेदपुर में साकची स्थित हुसैनी मिशन के इमामबाड़े में शनिवार को दो मोहर्रम की मजलिस का आयोजन किया गया। इस मजलिस को मौलाना सादिक अली ने खिताब फरमाया। उन्होंने अपने बयान में कहा कि अल्लाह ने इंसान को पहले ही चेताया है कि शैतान उसका खुला दुश्मन है। इसलिए इंसान को चाहिए कि वह उसकी बातों में न आए और अल्लाह द्वारा भेजे गए इमाम-ए-मुबीन के बताए रास्ते पर चले।
मौलाना ने कहा कि हाल ही में सच्चे बंदों ने हालात से डरने के बजाय बहादुरी दिखाई। दुनिया को लग रहा था कि लोग खामोश हो जाएंगे, मगर जुमा के दिन लाखों लोगों ने खुले आसमान के नीचे नमाज पढ़कर हौसले का सुबूत दिया। मजलिस में मौलाना ने अहले बैत की अहमियत पर भी विस्तार से रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि कुरान में अल्लाह का हुक्म है कि रसूल ने इस्लाम तुम तक पहुंचाया उसके बदले कोई अज्र नहीं चाहिए, बस अहले बैत से मोहब्बत जरूरी है।
Jamshedpur News: इमाम हुसैन ने इंसानियत के लिए दी कुर्बानी
मौलाना ने मस्जिद-ए-नबवी का जिक्र करते हुए बताया कि जब इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम छोटे थे और मस्जिद पहुंचे, तो रसूल ने खुतबा तोड़कर उन्हें अपनी गोद में उठा लिया।मौलाना सादिक अली ने इस्लाम के उस दौर को भी याद किया जब 61 हिजरी में इमाम हुसैन ने इस्लाम की हिफाजत के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।
उन्होंने कहा कि वह घड़ी इस्लाम के लिए एक इम्तिहान थी, जिसमें इमाम ने सब कुछ लुटा कर दीन को बचाया।मजलिस के अंत में मसाएब पढ़े गए, जिसे सुनकर अजादार जारो कतार रो पड़े। इसके बाद नौहा खानी और सीनाजनी का सिलसिला चला। मजलिस के आयोजन में मुनीर हसन, मोहम्मद राशिद, रईस रिजवी छब्बन समेत कई लोगों का विशेष सहयोग रहा।
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