

Ranchi (Jharkhand) : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन मामले में गुरुवार को झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। मुख्यमंत्री ने ईडी की शिकायत पर रांची सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) द्वारा लिए गए संज्ञान को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।

बहस के लिए मिला आठ हफ्ते का समय
सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के अधिवक्ता ने बहस के लिए समय मांगा, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। इस याचिका पर न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आठ सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है। मुख्यमंत्री की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्रा ने पक्ष रखा।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला जमीन घोटाले से जुड़ा है, जिसमें ईडी ने पिछले वर्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कई समन जारी किए थे। ईडी ने 19 फरवरी को एक शिकायतवाद दर्ज कराया था, जिसमें कहा गया था कि एजेंसी द्वारा लगातार समन भेजे जाने के बावजूद मुख्यमंत्री ने उनका पालन नहीं किया। एजेंसी के मुताबिक, हेमंत सोरेन को कुल 10 समन जारी किए गए थे, लेकिन वह केवल दो बार ही पेश हुए।

रांची सिविल कोर्ट के सीजेएम ने ईडी की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रथम दृष्टया यह माना था कि हेमंत सोरेन ने पीएमएलए एक्ट के तहत जारी समन का उल्लंघन किया है। इसी आदेश को रद्द कराने के लिए मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
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