Jamshedpur (Jharkhand) : टाटानगर रेल सिविल डिफेंस की ओर से इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में विशेष मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रशिक्षणार्थी लोको पायलटों को इलेक्ट्रिक शॉक लगने पर प्राथमिक उपचार, सावधानियां और फायर संयंत्र प्रयोग की विधि सिखाई गई।
सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रिक इंजन 25 केवी एसी करंट से संचालित होता है, जिसे डायरेक्ट करंट (डीसी) में बदलकर 110 वोल्ट पर भी काम लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अब तक किसी भी लोको पायलट की इलेक्ट्रिक शॉक से मौत या गंभीर चोट दर्ज नहीं हुई है, लेकिन लापरवाही से करंट प्रवाह की स्थिति बन सकती है।उन्होंने बताया कि करंट लगने पर पीड़ित को तुरंत बिजली सप्लाई से अलग करना चाहिए।
यदि व्यक्ति बेहोश हो जाए तो उसे सूखी चौकी या चटाई पर लिटाकर माउथ टू माउथ ऑक्सीजन और सीपीआर देना चाहिए। पीड़ित को पानी या जूस न देने की सलाह भी दी गई। उन्होंने कहा कि डीसी करंट शरीर में डीप बर्न और ब्लड डैमेज कर सकता है, इसलिए ईसीजी और एक्स-रे जांच जरूरी है।डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने फायर संयंत्र के रखरखाव और प्रयोग की विधि सिखाई, वहीं अनामिका मंडल ने त्रिकोणीय पट्टी (ट्रायंगुलर बैंडेज) बांधने की विभिन्न विधियों का प्रदर्शन किया।
इस मौके पर जीडीसीई आरआरबी इनिशियल, एसीआरसी असिस्टेंट रिफ्रेशर बैच, सीआरसी लोको पायलट रिफ्रेशर और पीसीईएम डीजल कन्वर्जन सहित करीब 450 लोको पायलट मौजूद रहे।