- कई जगह मिले अवैध खनन के साक्ष्य, कराया गया मिट्टी का भराव
- वैध तरीके से खनन करा मालामाल हो सकती है झारखंड सरकार
. खनन टास्क फोर्स भी अवैध खनन रोकने में है नाकाम
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़बांदा इलाके में हो रहे पन्ना का अवैध खनन की रोकथाम की पहल हुई है। कोल्हान प्रमंडल के उपनिदेशक (खान) ज्योति शंकर सत्पथी के नेतृत्व में गुरुवार को गुड़ाबांदा इलाके में छापेमारी की गई। इस जिला खनन अधिकारी सतीश कुमार नायक के अलावा, पुलिस और वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान कई जगह पन्ना के अवैध खनन के साक्ष्य मिले। मिट्टी डालकर माइंस को बंद कराया गया।
अधिकारियों ने बरुनमुटी पहाड़ और ठुरकुगोड़ा इलाके में छापेमारी की। कई जगह ऐसे सबूत मिले, जिससे पता चला है कि इस इलाके में पन्ना का अवैध खनन किया गया है।


तमाम दावों के बावजूद पुलिस और वन विभाग अवैध खनन नहीं रोक पा रहे हैं। छापेमारी की सूचना के बाद पन्ना माफिया में हड़कंप मच गया है। अवैध खनन के सबूत सामने आने के बाद सवाल उठ रहा है कि यह सब कुछ किसके संरक्षण में हो रहा है। कौन इस लूट को प्रश्रय दे रहा है। सवाल यह भी है कि आखिर सरकार इसकी नीलामी क्यों नहीं करा रही है, जबकि, कई साल पहले ही इस दिशा में पहल की गई थी।
मगर, यह प्रस्ताव फाइलों में अटका हुआ है।
गुड़ाबांदा इलाके में पन्ना खनिज रिजर्व फॉरेस्ट में मिल रहा है। मगर, वन विभाग अपने इलाके के इस बेशकीमती खनिज की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है। इसे लेकर खनन विभाग और वन विभाग एक दूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं। कहा जा रहा है कि अगर पन्ना खनिज की नीलामी कर दी जाए तो राज्य सरकार मालामाल हो सकती है। इसके बाद भी पन्ना के अवैध खनन को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि इलाके में पन्ना के दो ब्लॉक में मौजूद है। इनमें गुड़ाबांदा ब्लॉक 25 वर्ग किमी क्षेत्र में और बहुतीय ब्लॉक 13 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। जब से यहां पन्ना मिला है, तब से अब तक सरकार ने पन्ना खनन को लेकर नीलामी नहीं की है। इसके नतीजे में इस इलाके में बड़े पैमाने पर पन्ना का अवैध खनन हो रहा है। जिला प्रशासन भी अवैध खनन नहीं रोक पा रहा है। जिला प्रशासन ने सरकार के आदेश के बाद पन्ना का अवैध खनन रोकने के लिए वन विभाग, खनन विभाग और पुलिस की टीम भी गठित की थी।
हाईकोर्ट ने लिया है संज्ञान, सरकार से मांगी गई है रिपोर्ट
इस इलाके में पन्ना के अवैध खनन के बारे में मीडिया में प्रकाशित खबरों का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। खनन विभाग के सचिव, वन विभाग के सचिव और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से हलफनामा मांगा गया है। इस इलाके का भू्तत्व विभाग 2020 और 2022 में सर्वे भी कर चुका है।
जवाब देने से कतरा रहे अधिकारी
गुड़ाबांदा में पन्ना का अवैध खनन नहीं रुक रहा है। ऐसा क्यों हो रहा है इस संबंध में अधिकारी जवाब देने से कतरा रहे हैं। इस बारे में जब डीएफओ सबा आलम अंसारी से फोन पर बात की गई तो उन्होंने सवाल सुनने के बाद खुद के मीटिंग में होने की बात कही और फोन काट दिया। खान निदेशक राहुल सिन्हा ने फोन ही नहीं उठाया। जियोलॉजी के निदेशक कुमार अभिषेक ने भी सवाल सुना और जवाब देने की बजाय फोन काट दिया। उनको दोबारा फोन किया गया मगर, उन्होंने भी फोन नहीं उठाया। गौरतलब है कि इस मामले में कुछ अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। यही वजह है कि इस संबंध में कोई भी अधिकारी जवाब नहीं देना चाहता।
THE PHOTON NEWS : द फोटॉन न्यूज अखबार ने उठाया था मुद्दा
गुड़ाबांदा में अवैध खनन का मुद्दा द फोटॉन न्यूज अखबार ने प्रमुखता से उठाया था। इस खबर के जरिए सरकार को आगाह किया गया था कि बेशकीमती पन्ने का अवैध खनन रोका जाए और सरकार इसे वैध तरीके से नीलाम कराए। ऐसा होने से सरकार को झारखंड के विकास के लिए अच्छी खासी रकम हर साल मिल सकती है।
Satish Kumar Nayak : कोट
शिकायत मिली थी कि इस इलाके में पन्ना का अवैध खनन हो रहा है। इसके चलते उपनिदेशक के नेतृत्व में छापेमारी की गई है। इस इलाके की नीलामी क्यों नहीं हो पा रही है, इसके बारे में हम कुछ नहीं बता सकते।
- सतीश कुमार नायक, जिला खनन पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम