रांची: झारखंड के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और सुचारु बनाया जाएगा। इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी सिविल सर्जनों और अस्पताल उपाधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें सदर अस्पतालों सहित राज्य के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की संचालन व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि वे शीघ्र ही अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा कर्मियों की कमी को पूरा करें। उन्होंने ‘अस्पताल प्रबंधन हेतु मार्गदर्शिका’ (संकल्प संख्या 58/21, दिनांक 11.04.2025) के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया। मौके पर विभागीय अधिकारी ललित मोहन शुक्ला, विद्यानंद शर्मा पंकज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मेडिकल उपकरण और मशीन हो उपलब्ध
उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी अस्पतालों में आवश्यक मेडिकल उपकरण और मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए यदि अतिरिक्त राशि की आवश्यकता हो, तो संबंधित जिला विभाग को स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध करना चाहिए। साथ ही कहा कि सभी सदर अस्पतालों के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) को मॉड्यूलर ओटी में बदला जाए, जिससे मरीजों को आधुनिक सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना की प्रगति, बीते छह माह में किए गए नवाचार और आगामी तीन महीनों की योजनाओं की भी समीक्षा की।
विशेषज्ञ डॉक्टरों के पैनल तैयार करें
सभी जिलों को इस माह के अंत तक विशेषज्ञ एवं अति-विशेषज्ञ डॉक्टरों का पैनल तैयार करने का भी निर्देश दिया गया। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों एवं उपकेंद्रों की मरम्मत, रंगाई-पुताई के अलावा रखरखाव कार्यों को मुख्यमंत्री रखरखाव योजना के तहत जल्द पूरा करने को कहा और कार्यों की तस्वीरें विभाग को भेजने का निर्देश दिया। बैठक में मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को मेंटरिंग योजना के तहत जिला अस्पतालों से जोड़ने और क्लीनिकल प्रक्रियाएं प्रारंभ करने की बात कही गई। साथ ही, राज्य में एंबुलेंस व्यवस्था की भी समीक्षा की गई और खराब एंबुलेंस की जल्द मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए।

