रांची: झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सोमवार को राजधानी रांची के गढ़खटंगा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) कैंपस का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित बायोमास गैसीफायर सह बायोचर उत्पादन इकाई का उद्घाटन किया। मंत्री ने संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आज की कृषि को उन्नत और टिकाऊ बनाने के लिए ज्ञान और विज्ञान का समन्वय बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आईसीएआर संस्थान किसानों के लिए प्रशिक्षण, नवाचार और अनुसंधान का एक सशक्त केंद्र बनकर उभरा है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को देखते हुए फसलों के चयन और उत्पादन की रणनीतियों में बदलाव आवश्यक हो गया है। इस दिशा में आईसीएआर द्वारा किए जा रहे प्रयोग उल्लेखनीय हैं।
किसानों को बांटी गई सामग्री
मौके पर आईसीएआर द्वारा अनुसूचित जनजाति परियोजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत प्रक्षेत्र दिवस सह कृषि इनपुट वितरण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए लगभग 300 किसानों को उन्नत कृषि उपकरण, बीज और अन्य सामग्री वितरित की गई। किसानों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि कृषि अब पारंपरिक तरीकों से आगे निकलकर तकनीक आधारित बन चुकी है। इसका लाभ लेने के लिए किसानों को जागरूक और तैयार रहना चाहिए।
सरकार कर रही सहयोग
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार संस्थानों के विकास में पूरी तरह सहयोग कर रही है। आईसीएआर कैंपस के विस्तार के लिए सरकार ने 124 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई है, जबकि इससे पहले बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) को 700 एकड़ भूमि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आदिवासी और मूलवासी समुदाय के पास सबसे बड़ी पूंजी उनकी जमीन है। उन्होंने हमेशा विकास के लिए इसे साझा किया है। ऐसे में संस्थानों का भी कर्तव्य है कि वे राज्य और किसानों के हित में कार्य करें।
किसानों के प्रोडक्ट पहुंचे बाजार
उन्होंने राज्य में लाह उत्पादन में किसानों द्वारा किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत पांच एपेक्स सोसाइटी किसानों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। इससे किसानों को न केवल उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है, बल्कि बाजार से सीधा संपर्क भी स्थापित हो रहा है।शिल्पी नेहा तिर्की ने स्पष्ट कहा कि चाहे वो विभागीय योजनाएं हों या संस्थानों के प्रयास, इन सभी से तभी लाभ मिलेगा जब किसान खुद जागरूक होंगे और भागीदारी निभाएंगे। उन्होंने कहा किसान अगर खुद को सशक्त बनाएंगे, तो गांव और पंचायत अपने आप सशक्त बनेंगे।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी, मंत्री के सलाहकार प्रदीप हजारी और आईसीएआर के निदेशक सुजय रक्षित सहित कई आईसीएआर अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे।


