जमशेदपुर: झारखंड की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से एक बड़ी खबर सामने आई है। अमरप्रीत सिंह काले की भाजपा में पुनः वापसी हो गई है। न केवल उनकी पार्टी में दोबारा एंट्री हुई है, बल्कि उन्हें पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता के रूप में भी नियुक्त कर दिया गया है। विगत मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के रांची दौरे के दौरान, अमरप्रीत सिंह काले को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल किया गया। इसके तुरंत बाद, उन्हें प्रदेश प्रवक्ता का पद सौंपने की भी घोषणा की गई।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने काले को प्रदेश प्रवक्ता के रूप में नियुक्त करने का आधिकारिक पत्र जारी किया। यह पत्र पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर दिया गया है, जिसमें अमरप्रीत सिंह काले को प्रदेश में पार्टी का महत्वपूर्ण चेहरा बनाने का फैसला लिया गया है।
पार्टी से निष्कासन और सम्मान के साथ पुनः प्रवेश
अमरप्रीत सिंह काले की यह वापसी इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि उन्हें 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान कथित पार्टी-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में भाजपा ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उस समय पार्टी ने काले पर आरोप लगाया था कि उनके कार्य पार्टी की नीतियों के खिलाफ थे, जिस वजह से उन्हें निष्कासन का सामना करना पड़ा।
हालांकि, पार्टी अब मानती है कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया था। पार्टी ने अपने इस फैसले को पलटते हुए न सिर्फ अमरप्रीत सिंह काले को वापस बुलाया है, बल्कि उन्हें एक महत्वपूर्ण भूमिका भी सौंपी गई है। इस वापसी से यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा नेतृत्व ने अपने पुराने फैसले पर पुनर्विचार किया और काले को दोबारा पार्टी के मुख्यधारा में शामिल किया।
भाजपा में काले की भूमिका और भविष्य की उम्मीदें
अमरप्रीत सिंह काले पहले भी प्रदेश प्रवक्ता के पद पर कार्यरत रह चुके हैं और उनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने उन्हें फिर से यह जिम्मेदारी सौंपी है। उनके पास पार्टी के नीतिगत निर्णयों को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने की क्षमता है, और इसी विश्वास के साथ पार्टी ने उन्हें प्रदेश प्रवक्ता के रूप में चुना है। काले के पास न केवल संगठनात्मक कौशल है, बल्कि उन्हें राज्य की राजनीतिक स्थिति की अच्छी समझ भी है।
भाजपा की यह रणनीति आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि काले जैसे अनुभवी नेताओं की वापसी से पार्टी को मजबूती मिलेगी। उनकी नियुक्ति से पार्टी के कार्यकर्ताओं में भी सकारात्मक संदेश गया है कि भाजपा अपने अनुभवी और समर्पित नेताओं को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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