Ranchi (Jharkhand) : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भोगनाडीह में हुए लाठीचार्ज के मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर जमकर निशाना साधा है। बुधवार को बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक तीखा बयान जारी करते हुए कहा कि जिस पावन धरती से वीर शहीद सिद्धो-कान्हू ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंका था, उस धरती पर इस तरह का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस लाठीचार्ज में हुई हर एक अन्याय और हर एक लाठी का हिसाब हेमंत सरकार को देना होगा।
हेमंत सरकार जनरल डायर की भूमिका में: मरांडी
बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में हेमंत सरकार की तुलना जलियांवाला बाग के खलनायक जनरल डायर से करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार उसी की भूमिका निभाती नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जनरल डायर ने बैसाखी के दिन जलियांवाला बाग में शांतिपूर्वक सभा कर रहे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवाई थीं, उसी तरह हेमंत सरकार ने हूल दिवस के अवसर पर अपने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे आदिवासियों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले बरसाए।
आवाज दबाने की कोशिश कर रही है सरकार: मरांडी
मरांडी ने आगे कहा कि सरकार की तानाशाही यहीं तक नहीं रुकी है। अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह तय कर लिया है कि जो भी उनके अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करेगा, उसे गिरफ्तार कर डराने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि असल में हेमंत सोरेन अंदर से डरे हुए हैं। उन्हें इस बात का भय है कि अगर आदिवासी समाज ने राज्य में हो रही बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ एक संगठित आंदोलन शुरू कर दिया तो उनकी तुष्टिकरण की राजनीति का महल ढह जाएगा।
मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री इस बात से घबराए हुए हैं कि कहीं आदिवासी समाज उनसे यह सवाल न पूछ बैठे कि उनके अधिकारों का हनन हो रहा है और वह किसके हित की राजनीति कर रहे हैं। इसी डर के कारण वह अब हर उस आवाज को कुचलना चाहते हैं जो उनके खिलाफ उठ रही है। हालांकि, बाबूलाल मरांडी ने दृढ़ता से कहा कि आदिवासी समाज इस अन्याय को न तो कभी भूलेगा और न ही कभी माफ करेगा।
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