Home » Basant Panchami 2025 : बसंत पंचमी आज : जानें मां सरस्वती की पूजा विधि, मंत्र और मुहूर्त से जुड़ी अपडेट

Basant Panchami 2025 : बसंत पंचमी आज : जानें मां सरस्वती की पूजा विधि, मंत्र और मुहूर्त से जुड़ी अपडेट

by Rakesh Pandey
basant panchami 1
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

फीचर डेस्क : बसंत पंचमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह माघ शुक्ल पंचमी को होता है और इस वर्ष यह दिन सोमवार को पड़ रहा है। इसे बसंत पंचमी भी कहते हैं और यह माघ मास के चौथे प्रमुख स्नान का भी दिन होता है, जिसमें काशी, प्रयागराज और गंगासागर में स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह दिन ज्ञान, बुद्धि और विवेक की देवी मां सरस्वती के पूजन का अवसर प्रदान करता है।

बसंत पंचमी की धार्मिक मान्यता

शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही रतिकाम महोत्सव मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रति और कामदेव के प्रसन्न होने का माना जाता है, ताकि हमारे जीवन में मानसिक एकाग्रता बनी रहे और हम जीवन के उद्देश्य को सही दिशा में आगे बढ़ा सकें।

इसके अलावा काशी में बागेश्वर देवी की जयंती मनाई जाती है। बंगाल में इसे प्रेम दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जबकि पंजाबी समुदाय में इसे खासतौर पर मक्के की रोटी, सरसों का साग और मीठे चावलों के साथ मनाया जाता है।

बसंत पंचमी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

बसंत पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था और इसलिए इस दिन उन्हें विशेष रूप से पूजा जाता है। शिक्षण संस्थानों में बच्चों का ‘विद्यारंभ’ संस्कार भी इस दिन होता है, जिसमें छोटे बच्चों को पहली बार अक्षरों की शिक्षा दी जाती है।

बंगाली समाज में इस दिन पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं और खासतौर पर पीले पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन को भारतीय समाज के विभिन्न हिस्सों में विशेष तरीके से मनाया जाता है, और यह हर जगह अलग-अलग परंपराओं के साथ जुड़ा हुआ है।

बसंत पंचमी पूजा विधि

इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष विधान है। पूजा में निम्नलिखित विधियों का पालन करें :

वस्त्र : इस दिन पीले, बसंती या सफेद रंग के वस्त्र पहनें। काले और लाल वस्त्र पहनने से बचें।
पूजा स्थान : पूजा के लिए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें।
समय : सूर्योदय के बाद ढाई घंटे तक या सूर्यास्त के बाद ढाई घंटे तक पूजा का समय सबसे उपयुक्त होता है।
पूजा सामग्री : मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले या सफेद फूल अर्पित करें। साथ ही, प्रसाद में मिश्री, दही, लावा और केसर मिश्रित खीर अर्पित करें।
मंत्र : मां सरस्वती का मूल मंत्र ‘ऊं ऐं सरस्वत्यै नम:’ का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से ज्ञान की देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बसंत पंचमी के दिन करें ये काम

बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। यदि आप इस दिन कुछ खास काम करते हैं, तो आपको मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

हथेली को देखें : कहा जाता है कि मां सरस्वती हमारी हथेली में वास करती हैं, इसलिए इस दिन सुबह उठकर अपनी हथेलियों को जरूर देखें। इस क्रिया से आपको उनका आशीर्वाद मिलेगा।
शिक्षा संबंधित दान : यदि इस दिन आप शिक्षा से संबंधित वस्तुएं दान करते हैं, जैसे किताबें, पेंसिल, या अन्य सामग्री, तो यह शुभ फल की प्राप्ति का कारण बनेगा।

शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

सुबह 7:07 से लेकर दोपहर 12:35 तक।
दोपहर 12:13 से 12:57 तक।
अभिजीत मुहूर्त 11:40 से 12:40 तक।

Read Also- Mahakumbh 3rd Amrit Snan Live : महाकुंभ में बसंत पंचमी पर आज तीसरा अमृत स्नान, अखाड़ों के साधुओं ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी

Related Articles