रांची: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाइयों की अहम बैठक, जो बुधवार को होने वाली थी, अब स्थगित कर दी गई है। यह बैठक मंडल अध्यक्षों के नाम पर सहमति बनाने के उद्देश्य से बुलाई गई थी, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार, इन नामों पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण बैठक टाल दी गई है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे “अपरिहार्य कारण” बताया गया है।
प्रदेश भाजपा संगठन की यह बैठक प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में होने वाली थी, जिसमें संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल होने वाले थे। इस बैठक में 512 मंडलों में से कम से कम आधे मंडलों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा की रणनीति थी, ताकि आगे चलकर जिलाध्यक्षों की सूची जारी की जा सके। लेकिन नामों को लेकर जारी मतभेदों ने बैठक को टालने की नौबत ला दी।
संगठन चुनाव में देरी, विधानसभा चुनाव के नाम पर विलंब
झारखंड भाजपा में संगठनात्मक चुनाव पहले से ही सुस्ती का शिकार है। हालांकि इसकी एक वजह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों को बताया जा रहा है। लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि महज चुनाव कारण नहीं है। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव हुए थे, लेकिन वहां प्रदेश अध्यक्ष का चयन डेढ़ माह पहले ही कर लिया गया था।
यूपी चुनाव से जुड़ी रणनीति, झारखंड में जातीय समीकरण का गणित
सूत्रों की मानें तो झारखंड भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव उत्तर प्रदेश के बाद ही होने की संभावना है। यदि यूपी में किसी OBC समुदाय से अध्यक्ष चुना जाता है, और बिहार व मध्य प्रदेश में भी OBC नेतृत्व बना रहता है, तो झारखंड में अध्यक्ष पद किसी Forward जाति या दलित नेता को मिल सकता है। यह जातीय समीकरण भाजपा की आंतरिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा अब किसी भी दिन संभव
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर भी दिल्ली से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि अब किसी भी दिन उनकी घोषणा की जा सकती है। पार्टी नेतृत्व इस प्रक्रिया को अंतिम चरण में ले आया है।
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