Chaibasa (Jharkhand) : झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर, पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा के कोल्हान विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को एक विशाल विधिक सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस शिविर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर, उपायुक्त चंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक अमित रेनू समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण
शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों तक सरकारी योजनाओं और कानूनी सहायता को पहुंचाना था। विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के तहत 4068 लाभुकों के बीच कुल 80 करोड़ 30 लाख 66 हजार 820 रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। इनमें दिव्यांगों को ट्राईसाइकिल, सड़क दुर्घटना मुआवजा राशि और जेएसएलपीएस (Jharkhand State Livelihood Promotion Society) के तहत सामुदायिक निवेश निधि जैसी योजनाओं का लाभ शामिल था।
प्राधिकार का लक्ष्य कैदियों व जरूरतमंदों को न्याय दिलाना : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश
शिविर को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद शाकिर ने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकार का लक्ष्य जेल में बंद कैदियों सहित सभी जरूरतमंदों को न्याय का उचित अवसर प्रदान करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की योजनाओं और कानूनी अधिकारों की जानकारी सभी हकदारों तक पहुंचाना प्राधिकार की जिम्मेदारी है।
कानून किताबों तक सीमित न रहे : डीसी
उपायुक्त चंदन कुमार ने कहा कि इस तरह के शिविर यह सुनिश्चित करते हैं कि देश में बने कानून केवल किताबों तक ही सीमित न रहें, बल्कि उन लोगों तक पहुंचें जो किसी भी कारण से न्यायालय या सरकारी कार्यालयों तक नहीं पहुंच पाते हैं।
शिविर का अधिकाधिक लाभ उठाएं : एसपी
पुलिस अधीक्षक अमित रेनू ने अपने संबोधन में कहा कि यह जिला में उनका पहला कार्यक्रम है और उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से इस शिविर का अधिक से अधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। कार्यक्रम के अंत में, अतिथियों ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया और लाभुकों को लाभान्वित किया। उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन किया।