Chaibasa (Jharkhand) : चाईबासा कोर्ट के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने चक्रधरपुर के रुगड़ी निवासी आरोपी रविचंद्र महतो (पिता गुरु प्रसाद महतो) को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 21 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 50 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।
पॉक्सो एक्ट के तहत मिली कड़ी सजा, पीड़िता को मिलेगा न्याय
इस फैसले के अनुसार, आरोपी रवि चंद्र महतो को धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 21 साल की सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसके अतिरिक्त, उसे 50 हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा। यह मामला वर्ष 2019 का है, जब नाबालिग पीड़िता के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया था।जानकारी के अनुसार, आरोपी रवि चंद्र महतो ने 9 जुलाई 2019 को एक नाबालिग लड़की को धोखे से बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। इसके बाद उसने उस मासूम बच्ची के साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया था। इतना ही नहीं, उसने पीड़िता को इस घटना के बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी।
पीड़िता ने हिम्मत दिखाकर परिजनों को दी सूचना, आरोपी गिरफ्तार
धमकी के कारण नाबालिग लड़की डर गई थी, लेकिन उसने हिम्मत जुटाकर आखिरकार अपने परिजनों को इस भयावह घटना की जानकारी दी। इसके बाद, तत्काल पुलिस थाने में पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अनुसंधान (जांच) के दौरान अभियुक्त रवि चंद्र महतो को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने इस मामले से जुड़े सभी साक्ष्यों को वैज्ञानिक तरीके से जुटाया और उन्हें न्यायालय में आरोप पत्र के साथ प्रस्तुत किया। उक्त मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर रवि चंद्र महतो को 21 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिला है, और यह दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश भी है।

