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Chaibasa News: सरकार ने नजरअंदाज किया, तो ग्रामीणों ने खुद बना दी सड़क, चाईबासा डीसी ऑफिस के सामने हरिगुटू की मिसाल

by Rajeshwar Pandey
Villagers build road in Chaibasa after government neglect
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चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित समाहरणालय के ठीक सामने बसे हरिगुटू गांव में वर्षों से लोग एक जर्जर सड़क की वजह से परेशान हैं। बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल, मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना चुनौती और रोजमर्रा की जिंदगी एक संघर्ष बन चुकी थी। ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार मंत्री सह विधायक दीपक बिरुवा, सांसद जोबा माझी और जिला प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन नतीजा—सिर्फ आश्वासन।

सुनवाई नहीं हुई, तो ग्रामीणों ने थाम लिया फावड़ा

जब कोई मदद नहीं मिली, तो ग्रामीणों ने खुद ही पहल की। सामूहिक चंदा कर पैसे जुटाए, फिर श्रमदान कर सड़क बनाने का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया। कीचड़ और गड्ढों से परेशान ग्रामीणों ने अब तय कर लिया कि सरकार भले ही सोती रहे, वे अपने गांव को यूं नारकीय स्थिति में नहीं छोड़ेंगे।

स्थानीय लोगों की व्यथा

हरिगुटू की रहने वाली लेयंगी देवी कहती हैं, “बरसात में सड़क इतनी खराब हो जाती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। बच्चों को स्कूल छोड़ना, बीमारों को अस्पताल ले जाना, सब कुछ चुनौती बन जाता है। हम कब तक इंतजार करें?”

कहां है जिम्मेदार तंत्र?

हरिगुटू की यह स्थिति इस बात का आइना है कि सरकारी सिस्टम की अनदेखी किस हद तक लोगों को आत्मनिर्भर बनने पर मजबूर कर रही है। यह गांव चाईबासा समाहरणालय से चंद कदम की दूरी पर है, बावजूद इसके सालों से यहां कोई सुध लेने नहीं आया।

सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है

गांव के विकास की जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है। सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित रखना ग्रामीणों के साथ अन्याय है। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे इस समस्या का स्थायी समाधान करें और यह सुनिश्चित करें कि आगे किसी गांव को अपने अधिकारों के लिए यूं संघर्ष न करना पड़े।

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