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Ghatsila News: घाटशिला की स्नेहाश्री मंडल के नए उपन्यास ‘कैओस, कन्फ्यूजन टू कन्फ्यूशियस’ ने मचाई धूम

by Birendra Ojha
Snehashree Mandal
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जमशेदपुर (झारखंड): घाटशिला की लेखिका स्नेहाश्री मंडल ने अपना नया उपन्यास ‘कैओस, कन्फ्यूजन टू कन्फ्यूशियस‘ प्रकाशित कराया है। उपन्यास ने कुछ ही समय में धूम मचा दी है। लॉक्सली हॉल पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित और द बुक बेकर्स द्वारा प्रस्तुत यह किताब एक श्रृंखला की पहली कड़ी है, जिसमें पौराणिकता, रहस्य और दार्शनिक विचारों का संगम देखने को मिलता है।

लेखिका ने पुस्तक में एक ‘अनाथ दुनिया’ की तस्वीर उकेरी है, जो पतन के सूक्ष्म चरण में फंसी हुई है। कहानी बताती है कि किस तरह मानवता अपने तत्कालिक अस्तित्व से आगे बढ़ने में असफल रही है। ‘अव्यवस्था बहुत बड़ी है’, वह लिखती हैं, ‘समुद्र में गिरती एक बूंद अब पहले से कहीं बड़े हलचल पैदा करती है। जैसे-जैसे ये तरंगें टकराती हैं, दुनिया और भी धुंधली होती जाती है, जहां नज़र के आगे धुंध है और पैरों तले ज़मीन नहीं’।

कहानी की केंद्रबिंदु तीन महिलाएं हैं—मेरू, जो पीड़ित है; ताहिती, जो रक्षक है; और दीसेम, जो इन दोनों के बीच सेतु का काम करती है। मेरू की गुमशुदगी की खोज में यह तिकड़ी ऐसे परिवारों से मिलती है, जिन्हें अब तक विलुप्त माना जाता था, लेकिन वे हमेशा से हमारे बीच मौजूद थे। यह खोज उन्हें उस अंधकारमय शक्ति से भी रूबरू कराती है, जो अव्यवस्था से पनपी है और ब्रह्मांड के कुछ हिस्सों का समर्थन प्राप्त करती है।

पुस्तक कई गंभीर सवाल उठाती है—हम कुछ सत्य क्यों नहीं देख पाते। इतनी सारी धर्म व्यवस्थाएं क्यों हैं और उनका असली उद्देश्य क्या था। धरती का बाहरी ब्रह्मांड से क्या संबंध है और यह छिपा क्यों है। और सबसे महत्वपूर्ण, मनुष्य को फिर से इस विशाल ब्रह्मांडीय ताने-बाने का हिस्सा बनने के लिए क्या करना होगा।

स्नेहाश्री कहती हैं, ‘यह कहानी अस्तित्व के रहस्यों की यात्रा है। यह सिर्फ यह नहीं पूछती कि हम कहां से आए, बल्कि यह भी कि हमें विज्ञान और आध्यात्मिकता में आगे कहां जाना चाहिए’।

अपने बारे में वह कहती हैं कि वह ‘आत्मा और मिट्टी से भारतीय हैं और लेखन को करुणा का सचेतन कार्य मानती हैं’। इससे पहले वह दो कविता संग्रह—ए हायटस फ्रॉम द लोडेड पास्ट और फाइव लोटसेज़ एंड द मोरैस —स्व-प्रकाशित करा चुकी हैं, जिनमें लघु कथा, काव्य और व्यक्तिगत अनुभवों का सुंदर मिश्रण है।

गहन कथानक और दार्शनिक विमर्श का यह मेल पाठकों को न केवल कहानी का आनंद देगा, बल्कि मानव जीवन और ब्रह्मांड में हमारी भूमिका पर सोचने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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