जमशेदपुर : जैसे ही गर्मियां आती हैं, तरबूज की मांग बढ़ जाती है। तरबूज का पानी की अधिकता से शरीर को ठंडक मिलती है और यह शरीर में निर्जलीकरण को रोकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में बिक रहे तरबूज में रासायनिक तत्व मिलाए जा सकते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं? खासकर आंध्र प्रदेश, कर्नाटका और तमिलनाडु जैसे राज्यों की तरह अब झारखंड में भी रासायनिक तरबूज बाजार में आ सकते हैं, जिन्हें खाने से सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।

सांकेतिक तस्वीर.
रासायनिक तरबूज क्या होते हैं?
रासायनिक तरबूज वो होते हैं जिनमें तरबूज का साइज बढ़ाने और उसके गूदे को चटक रंग देने के लिए रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए तरबूज के अंदर के हिस्से को लाल रंग देने के लिए कभी-कभी इंजेक्शन लगाया जाता है, या फिर इसके रंग को चटख बनाने के लिए लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो और सूडान रेड जैसे रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है।
इन रासायनिक तरबूजों का सेवन फूड पॉइजनिंग, उल्टी, दस्त, और पेट संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, रासायनिक तरबूज से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है, गैस्ट्रिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और गुर्दे पर भी इसका नकारात्मक असर हो सकता है।
रासायनिक तरबूज को कैसे पहचाने?
- ताजगी पर ध्यान दें : अगर आप तरबूज को खरीदने के बाद उसे 2-3 दिन तक रखे और उसकी सतह से पानी या झाग निकलने लगे, तो समझ जाइए कि यह रासायनिक तरबूज हो सकता है।
- पानी का रंग बदलें : तरबूज का एक छोटा टुकड़ा काटकर पानी में डालें। अगर पानी का रंग गुलाबी हो जाए, तो यह रासायनिक तरबूज होने का संकेत है।
- टिशू पेपर का टेस्ट : तरबूज के कटे हुए हिस्से को टिशू पेपर से दबाएं। अगर टिशू पेपर लाल हो जाए, तो इसका मतलब है कि इसमें रासायनिक मिलावट है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि रासायनिक तरबूज खाने से पाचन समस्याएं, पेट खराब होना, और ब्लड कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, लेड क्रोमेट और सूडान रेड जैसे रसायनों के सेवन से मस्तिष्क की कोशिकाओं को भी नुकसान हो सकता है, और इस स्थिति में अंधापन जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं।
सुरक्षा के उपाय
तरबूज खरीदते समय सावधानी बरतें और यह सुनिश्चित करें कि आप रासायनिक तरबूज का सेवन न करें। हमेशा सुनिश्चित करें कि आपको प्राकृतिक और सुरक्षित तरबूज मिल रहा है, ताकि आपकी सेहत पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।