जमशेदपुर : छठ महापर्व नजदीक है। इसे लेकर बाजारों में रौनक देखने लायक है। पांच नवंबर से शुरू होने वाले इस लोकआस्था के महापर्व की तैयारियां जोरों पर हैं। जमशेदपुर, रांची, धनबाद समेत राज्य के अन्य शहरों व जिलों के बाजारों में सूप और डलिया के ढेर लगे हुए हैं, और लोग उत्साह के साथ खरीदारी कर रहे हैं।
छठ का स्पेशल सीजन और रौनक
छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर से हो रही है, और हर तरफ लोकगीतों की गूंज सुनाई दे रही है-“कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…” से लेकर “पटना के घाट पर उगे लन सूरज देव…” तक। इस दिन व्रती नहाय-खाय के साथ अनुष्ठान की शुरुआत करेंगे, जिसमें भगवान सूर्य को अर्घ देकर शक्ति की कामना की जाएगी।
खरना और निर्जला उपवास का चैलेंज
6 नवंबर को खरना का अनुष्ठान होगा, जिसमें व्रती दिनभर उपवास रहेंगे और शाम को खीर, रोटी, और केला का नैवेद्य अर्पित करेंगे। फिर 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा। ये व्रत केवल आत्मशुद्धि के लिए नहीं, बल्कि परिवार और समाज के लिए भी एक बड़ा संकल्प है।
सूप और दउरे की धूम
महापर्व की तैयारियों के साथ ही व्रतियों और उनके परिजनों ने खरीदारी में जुटना शुरू कर दिया है। कपड़े से लेकर दउरा, सूप, मिट्टी के बर्तन और अनाज तक सब कुछ खरीदने की होड़ मची हुई है। बाजार में सूप की कीमत 90 से 100 रुपये के बीच चल रही है। ये सूप दुमका और उसके आसपास के इलाकों से मंगाए जाते हैं।
पूजन सामग्री का बाजार भाव
सूप : ₹90 से ₹100
मीडियम सूप : ₹50 से ₹60
छोटा सूप : ₹35 से ₹40
गोल सूप : ₹200 से ₹220
पंखा : ₹35 से ₹40
बड़ी टोकरी : ₹150 से ₹160
बड़ा दउरा : ₹500 से ₹550
मिट्टी का चूल्हा : ₹100 से ₹250
इस बार छठ महापर्व केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि नारी शक्ति, पारिवारिक एकता और संस्कृति का भी प्रतीक है। जैसे-जैसे ये पर्व नजदीक आ रहा है, बाजारों की रौनक और भी बढ़ती जा रही है। अब तैयार रहिए, 5 नवंबर को छठ महापर्व की शुरुआत के साथ लोक आस्था का ये महाकुंभ एक नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आएगा।
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