रायपुर : छत्तीसगढ़ के बड़े शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने उन्हें सुबह पांच बजे उनके घर से उठाया और कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर ले लिया।
ईडी की टीम ने चेतन्य से जुड़ी तीन जगहों पर एक साथ छापेमारी की। ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत की गई। ईडी का कहना है कि शराब घोटाले से जुड़े सबूत और आरोपियों से पूछताछ के आधार पर चेतन्य को हिरासत में लिया गया है।
क्या है मामला
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच चल रही है। इस मामले में पहले ही कई बड़े नाम जेल में हैं, जैसे कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व आईएएस अफसर अनिल टुटेजा और कारोबारी अमरेंद्र ढेबर। कई लोग अभी फरार हैं और सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है। ईडी का कहना है कि इस घोटाले में नकली कंपनियों और दलालों के जरिए हजारों करोड़ की कमाई की गई। इसी कड़ी में चेतन्य बघेल का नाम सामने आया और उन्हें गिरफ्तार किया गया।
भूपेश बघेल का पलटवार
अपने बेटे की गिरफ्तारी पर भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब राजनीति के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, आज विधानसभा में मैं अध्यक्ष के खिलाफ मामला उठाने वाला था, इसलिए जानबूझकर ईडी भेजी गई। पिछली बार मेरी जन्मतिथि पर ईडी आई थी, इस बार बेटे की बर्थडे पर। हम न डरेंगे, न झुकेंगे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हंगामा
बघेल के समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई के विरोध में रायपुर में प्रदर्शन किया। ईडी दफ्तर के बाहर पुतला फूंका और नारेबाजी की गई। पुलिस के साथ हल्की झड़प भी हुई। विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन इस मुद्दे पर सदन में भी हंगामा हुआ।
कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
बघेल और उनके सहयोगी ईडी की कार्रवाई रोकने सुप्रीम कोर्ट तक गए थे, लेकिन कोर्ट ने ईडी की एफआईआर को सही माना। अब ईडी ने नए सबूतों के आधार पर नई एफआईआर दर्ज की है, जिसमें 70 से ज्यादा लोग और कंपनियों के नाम हैं। इस घोटाले को लेकर आने वाले दिनों में और कई खुलासे हो सकते हैं।


