रांची : विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सीएम हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि झारखंड में अगर कोई वास्तविक परिवर्तन हुआ है तो वह 2019 के बाद ही हुआ है। उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि वे राज्य के विकास कार्यों में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। जबकि इस राज्य से देश को दुनिया के सबसे बड़े उद्योग मिले थे। जैसे एचईसी और बोकारो स्टील प्लांट, टाटा ने प्लांट लगाया शामिल हैं।
विपक्ष पर साधा निशाना
सीएम ने कहा कि यह समझ से परे है कि झारखंड के लोग क्यों भूमिहीन और विस्थापित होते गए। उन्होंने बताया कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए शिबू सोरेन, निर्मल महतो जैसे आंदोलनकारियों ने संघर्ष किया, जबकि कुछ लोग उनका मजाक उड़ाते थे। वे कहते थे कि आदिवासी लोग अलग राज्य नहीं बना सकते। विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बार-बार यह कहते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड के अलग राज्य बनने पर मुहर लगाई थी। लेकिन राज्य के गरीब और पिछड़े लोगों को आज भी उनका अधिकार नहीं मिल पाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि 2000 से 2019 तक इस राज्य को केवल उपेक्षा का सामना करना पड़ा। उन्होंने राज्य के विकास के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि उनकी सरकार ने झारखंड के सर्वांगीण विकास की नींव रखी है। अब उस पर इमारत खड़ी करने का काम शुरू हो चुका है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे क्षेत्रों में युद्धस्तर पर काम करने की बात कही। इससे पहले विपक्ष ने विधानसभा के बाहर जेएसएससी और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरा। वहीं प्रदर्शन भी किया।