मुंबई : न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए हाल ही में आई खबर चिंताजनक है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस बैंक पर पाबंदियां लगाते हुए उसे आगामी 6 महीने तक अपनी सेवाएं जारी रखने से रोक दिया है। इस आदेश के कारण, बैंक के ग्राहक अपनी जमा राशि निकालने में मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। यह कदम बैंक की खराब वित्तीय स्थिति और लगातार घाटे के चलते उठाया गया है।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध
13 फरवरी 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कारोबार बंद करने का आदेश जारी किया है, जो अगले 6 महीने तक लागू रहेगा। इसके तहत बैंक के ग्राहकों को उनके बचत, चालू या अन्य खातों से किसी भी प्रकार की राशि निकालने की अनुमति नहीं होगी। बैंक के 1.3 लाख से ज्यादा ग्राहक प्रभावित होंगे, जिनमें से अधिकांश के खातों में 5 लाख रुपये तक की राशि जमा है। इस बैंक की शाखाएं मुख्य रूप से मुंबई में हैं, जबकि गुजरात के सूरत और महाराष्ट्र के पुणे में भी इसकी शाखाएं स्थित हैं।
कारण और कार्रवाई, बैंक की वित्तीय खामियां
आरबीआई ने बैंक की वित्तीय स्थिति का गहन अध्ययन करने के बाद पाया कि बैंक में गंभीर खामियां हैं। इसके बाद, रिजर्व बैंक ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया और एक प्रशासक नियुक्त किया। इसके अलावा, एक सलाहकार समिति भी गठित की गई है, जो प्रशासक को सहयोग प्रदान करेगी। बैंक के उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें मुख्य रूप से 122 करोड़ रुपये का गबन शामिल है।
गबन का मामला, पुलिस कार्रवाई और अदालत की कार्यवाही
मुंबई पुलिस ने बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता, अकाउंट्स हेड और अन्य अधिकारियों के खिलाफ गबन का मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन्होंने बैंक की तिजोरी से 122 करोड़ रुपये की चोरी की। मुंबई की अदालत ने हितेश मेहता की पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ा दी है और बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोआन को भी हिरासत में लिया गया है। इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की जा रही है।
RBI की कार्रवाई का असर, बैंक और ग्राहकों के लिए मायने
आरबीआई की कड़ी कार्रवाई के बाद, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के संचालन में अनियमितताएं आ सकती हैं। इसके चलते बैंक के ग्राहकों के लिए पैसे निकालना असंभव हो गया है। बैंक की संरचना में आई गंभीर खामियां और अधिकारियों के द्वारा किए गए गबन के कारण यह संकट खड़ा हुआ है।
ग्राहकों को अगले 6 महीने तक अपनी जमा राशि निकालने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, यह कदम आरबीआई द्वारा बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने और पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है। अब यह देखना होगा कि क्या बैंक अपनी स्थिति को सुधार सकता है या रिजर्व बैंक को और सख्त कदम उठाने होंगे।
ग्राहकों के लिए क्या होगा आगे?
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के लिए यह संकट एक बड़ा प्रश्न है। अगर अगले 6 महीने में बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने में असफल रहता है, तो रिजर्व बैंक को और कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं। इसके बावजूद, ग्राहकों को इस समय में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उनकी जमा राशि सुरक्षित नहीं है।