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दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा सचिव के खिलाफ लोकपाल की कार्यवाही को किया स्थगित

लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत केवल भ्रष्टाचार या भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अपराधों के आरोपों की जांच की अनुमति दी गई है।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (NPC) में पदोन्नति में कथित अनियमितताओं के मामले में भारत के लोकपाल द्वारा रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और अन्य के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह और न्यायमूर्ति अनूप जयराम भामभानी की डिवीजन बेंच ने लोकपाल द्वारा सिंह और अन्य याचिका कर्ताओं के खिलाफ जारी आदेशों और नोटिस के कार्यान्वयन को भी स्थगित कर दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि न्यायालय इस निर्णय पर पहुंचा है कि इस मामले में गहन विचार की आवश्यकता है। इसको ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने 6 जनवरी 2025 के विवादित आदेश, 7 जनवरी 2025 की नोटिस, 4 मार्च 2025 के आदेश और उत्तरदाता लोकपाल द्वारा शिकायत संख्या 162/2024 के तहत लंबित कार्यवाही पर स्थगन देने का निर्णय लिया है।

यह मामला मार्च 28, 2023 को NPC द्वारा की गई पदोन्नतियों में प्रक्रियात्मक विसंगतियों को लेकर की गई शिकायत से जुड़ा हुआ है। जनवरी 2025 में लोकपाल ने सिंह और अन्य अधिकारियों को इस मामले में नोटिस जारी किया था। इसके बाद, सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में कार्यवाही को चुनौती दी।

याचिकाकर्ता का तर्क

याचिकाकर्ताओं ने तर्क किया कि जिन पदोन्नतियों का सवाल है, वे सिंह के 21 अप्रैल 2023 को उद्योग और आंतरिक व्यापार मंत्रालय के सचिव के रूप में कार्यभार संभालने से पहले की गई थीं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि लोकपाल की कार्रवाई अपने कानूनी दायरे से बाहर है, क्योंकि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के तहत केवल भ्रष्टाचार या भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत अपराधों के आरोपों की जांच की अनुमति दी गई है।

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