- राज्य में लगातार बढ़ रहे एक्सीडेंट के आंकड़े होते जा रहे डरावने
- जनवरी से लेकर नवंबर 2024 तक 3700 लोग हुए शिकार
- घटनाओं में रांची अव्वल, सबसे कम हादसे जामताड़ा में
- रांची में 11 महीनों में 485 लोगों की मौत, हजारीबाग में 246 लोगों की चली गई जान
- जमशेदपुर में 210, बोकारो में 200 व धनबाद में 190 लोगों ने गंवा दी अपनी जिंदगी
- बना चिंता का विषय, लगाम लगाने के लिए पुलिस भी लगातार कर रही प्रयास
- 2023 में जनवरी से लेकर नवंबर 2024 तक 3793 लोगों ने गवाई थी जिंदगी
- जोश में होश खो रहे लोग, दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बन रहा रैश ड्राइविंग
- इसे रोकने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाती रहती है पुलिस
रांची : झारखंड में बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या हैं। इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। देश में जितनी मौतें हार्ट अटैक, कैंसर जैसी बीमारियों से नहीं होतीं, उससे कहीं ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो जाती हैं। बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं अब चिंता का विषय बन गई हैं। झारखंड में हर दिन किसी इलाके से सड़क हादसे की खबरें अब आम बात हो गई हैं।
प्रशासन के प्रयास के बावजूद हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। झारखंड में सड़क हादसों में हो रही मौत के आंकड़े डरावने लगने लगे हैं। यहां हर दिन 11 लोग अपनी जिंदगी से हाथ धो रहे हैं। जी हां, झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 11 महीनों में 3700 लोगों की सड़क हादसे में जान जा चुकी है। इस साल जनवरी से लेकर नवंबर 2024 तक अलग-अलग हादसों में 3700 लोगों की मौत हो चुकी है।
हादसों मे रांची अव्वल है। यहां 11 महीनों में 485 लोगों की जान जा चुकी है। दूसरा नंबर हजारीबाग का है। यहां 246 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। जमशेदपुर में 210, बोकारो में 200 व धनबाद में 190 लोगों ने हादसों में अपनी जिंदगी गवां दी। जामताड़ा में सबसे कम लोगों की मौत हुई है। यहां 49 लोग सड़क हादसों का शिकार हुए हैं।
सड़कों के जानलेवा गड्ढे भी हादसों को दे रहे दावत
सड़क हादसा का एक मुख्य कारण है शराब को सेवन। लोग अक्सर शराब पीकर वाहन चलाते हैं और नियंत्रण खो देते हैं। इसको लेकर पुलिस लगातार अभियान चला रही है। देर रात तक एंटी अल्कोहल जांच भी चल रही है। ब्रेथ एनालाइजर से वाहन चालकों की जांच की जा रही है। शराब पीकर पकड़े जाने पर कार्रवाई भी हो रही है। दूसरी तरफ सड़कों के जानलेवा गड्ढे भी हादसों को दावत दे रहे।
प्रमुख जगहों की सड़कों में बने गड्ढे हिचकोले खाने को मजबूर करते हैं। अचानक ब्रेक लगाने के चक्कर में वाहन अनियंत्रित भी हो जाता है। इससे भी हादसे हो रहे हैं। इसके अलावा सड़कों पर आधे-अधूरे निर्माण कार्य, खराब ट्रैफिक सिग्नल, सड़क पर गलत पार्किंग, सड़क पर खड़े वाहन, यातायात नियमों का उल्लंघन भी दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं। सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में लगातार वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि राज्य में ट्रैफिक व्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर गंभीर चुनौतियां हैं।
रैश ड्राइविंग भी हादसों का प्रमुख कारण
हादसों का एक प्रमुख कारण है रैश ड्राइविंग। लगातार रेस ड्राइविंग का क्रेज बढ़ रहा है। लोग अक्सर जोश में होश खो देते हैं। रेस ड्राइविंग के दौरान अक्सर लोगों का नियंत्रण वाहन पर नहीं रहता है। इससे भी सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इधर, पुलिस भी रेस ड्राइविंग रोकने के लिए लोगों को जागरूक करती रहती है। समय-समय पर अभियान भी चलाती है। लेकिन, लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
कहां कितनी मौतें:::
रांची : 485
हजारीबाग : 246
गिरिडीह : 214
जमशेदपुर : 210
बोकारो : 200
धनबाद : 190
दुमका : 190
पलामू : 190
गुमला : 188
रामगढ़ : 183
चाईबासा : 168
सरायकेला : 159
देवघर : 132
गढ़वा : 130
सिमडेगा : 111
खूंटी : 110
चतरा : 104
लातेहार : 93
लोहरदगा : 79
गोड्डा : 74
कोडरमा : 69
पाकुड़ : 68
साहेबगंज : 58
जामताड़ा : 49
कुल : 3700
इस साल 2023 की तुलना में 14 जिलों में बढ़ी मरने वालों की तादाद
झारखंड में 2024 में हुए सड़क हादसों में एक तरफ कई जिलों में मरने वालों की संख्या बढ़ गई है, तो दूसरी तरफ कई जिलों में मामूली कमी आई है। राज्य में 14 जिलों में मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। 10 जिलों में मृतकों की संख्या में थोड़ी कमी आई है। यह फर्क 2023 की तुलना में है। बता दें कि 2023 में जनवरी लेकर नवंबर तक राज्य में 3793 लोग सड़क हादसे का शिकार हो चुके हैं।
यहां बढ़ी मरने वालों की संख्या
जिला – 2023 – 2024
रांची – 458 – 485
सिमडेगा – 332 – 111
हजारीबाग – 243 – 246
जमशेदपुर – 191 – 210
बोकारो – 194 – 200
रामगढ़ – 182 – 183
गुमला – 181 – 188
सरायकेला – 152 – 159
गढ़वा – 127 – 130
चाईबासा – 113 – 168
चतरा – 92 – 104
पाकुड – 63 – 68
लोहरदगा – 62 – 79
यहां आई कमी
जिला – 2023 – 2024
धनबाद – 283 – 190
गिरिडीह – 253 – 214
पलामू – 197 – 190
देवघर – 148 – 132
लातेहार – 118 – 93
खूंटी – 113 – 110
गोड्डा – 90 – 74
कोडरमा – 74 – 69
साहेबगंज – 65 – 58
जामताड़ा – 62 – 49
सड़क हादसे की प्रमुख वजहें
ओवरस्पीडिंग : सड़क हादसे का सबसे बड़ा कारण ओवरस्पीडिंग है। चालक हमेशा गति सीमा की अनदेखी कर देते हैं। इससे नियंत्रण खो जाता है और हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है।
शराब पीकर गाड़ी चलाना : शराब पीकर वाहन चलाना हादसों का एक मुख्य कारण है। शराब के सेवन के बाद चालक की प्रतिक्रिया का समय स्लो हो जाता है, निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है।
खराब सड़कें : खराब सड़कें भी हादसे का बड़ा कारण हैं। यहां कई सड़कें जर्जर स्थिति में हैं, जिनमें गड्ढे और खराब लाइटिंग व्यवस्था शामिल है।
वाहनों की खराब स्थिति : कई वाहनों के टायर, ब्रेक और स्टीयरिंग खराब स्थिति में होते हैं। यह भी दुर्घटना होने का एक कारण है।
ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करना : बाइक चलाते समय कई चालक हेलमेट नहीं पहनते। कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट नहीं लगाते। वाहन चलाते समय मोबाइल यूज करते हैं। चालक अन्य कई ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं। यह भी सड़क हादसा का प्रमुख कारण है।
कितनी मात्रा में अल्कोहल पाए जाने पर होती है कार्रवाई
प्रति 100 एमएल बल्ड में 0.3 प्रतिशत या 30 एमजी से ज्यादा मात्रा में अल्कोहल पाया जाएगा तो मोटर व्हीकल एक्ट सेक्शन 185 के तहत जुमार्ना और सजा दोनों का प्रावधान है। पहली बार शराब का सेवन कर वाहन चलाते पकड़े जाने पर 10 हजार का जुमार्ना और 6 महीने सजा का प्रावधान है। तीन साल के अंदर अगर फिर शराब का सेवन कर पकड़े गए तो 15 हजार जुमार्ना और 2 साल तक की जेल हो सकती है।
डायल 112 से जुड़ें, वॉलंटीयर बनकर बचाएं जान
झारखंड में हर दिन सड़क हादसों में 11 लोगों की मौत गंभीर विषय है। इसको रोकने के लिए लोगों को भी जागरूक होना बेहद जरूरी है। बता दें कि पूरे देश में डायल 112 सिस्टम लागू है। लोगों को इससे जुड़ने की जरूरत है। सड़क हादसों के घायलों को गोल्डेन आवर में अस्पताल पहुंचाकर उनको जीवनदान देने का काम करें। वॉलंटीयर बनकर भी लोगों की जान बचा सकते हैं।
आप 112 का ऐप डाउनलोड कर इसमें दिए गए आॅप्शन पर जाकर वॉलंटीयर बन सकते हैं। वॉलंटीयर बनने पर जब भी हादसा होगा, आपके फोन पर तुरंत एक मैसेज आ जाएगा। इसके बाद बाद घायलों की मदद कर सकते हैं। उन्हें एक नया जीवन मिल सकता है।
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