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Jamshedpur News : ईद-ए-कुर्बान पर जमशेदपुर में इबादत और कुर्बानी का पैगाम, ईदगाहों में सजदे में झुके हजारों सर

by Mujtaba Haider Rizvi
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Jamshedpur (Jharkhand) : पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर सहित आस-पास के इलाकों में ईद-ए-कुर्बान (बकरीद) का त्योहार पूरी अकीदत और एहतेराम के साथ शनिवार को मनाया गया। जमशेदपुर में आमबगान, धातकीडीह, आजाद नगर ईदगाह समेत जिले के विभिन्न ईदगाहों में सुबह सात बजे से ही बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने एकत्र होकर अल्लाह की इबादत में सजदा किया और बकरीद की नमाज अदा की। मस्जिदों में भी नमाज़ अदा की गई।

नमाज के दौरान मौलाना ने कुरआन और हदीस की रौशनी में कुर्बानी का महत्व बताया और आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की। ज़ाकिर नगर स्थित शिया जामा मस्जिद उम्मे खलील में मौलाना ज़की हैदर ने सुबह साढ़े आठ बजे बकरीद की नमाज अदा कराई। उन्होंने नमाज के बाद कहा कि ईद उल अजहा हमें सिर्फ जानवर की कुर्बानी नहीं, बल्कि अपने नफ्स यानी इच्छाओं की कुर्बानी देकर अल्लाह के आदेशों को मानने की सीख देता है।

नमाज के बाद दुआ और मुबारकबाद का सिलसिला

नमाज खत्म होने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बकरीद की मुबारकबाद दी। सभी ने मिलकर अमन, चैन और समाज की खुशहाली की दुआएं मांगी। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों के चेहरों पर ईद की खुशी साफ झलक रही थी। घरों और मोहल्लों में लोगों ने एक-दूसरे को सेंवइयां खिलाकर त्योहार की खुशी साझा की और इंसानियत का संदेश दिया।

बकरीद का धार्मिक और सामाजिक संदेश

ईद उल अजहा, इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो हज़रत इस्माईल (अलै.) की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार त्याग, समर्पण और अल्लाह के प्रति सच्ची आस्था का प्रतीक है। इस दिन जानवरों की कुर्बानी देकर मुस्लिम समाज अल्लाह की राह में अपनी वफादारी जाहिर करता है। साथ ही यह पर्व समाज में एकता, भाईचारा और जरूरतमंदों की मदद करने की भावना को बढ़ावा देता है।

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