नई दिल्ली: बांग्ला संगीत जगत के महान गायक और गीतकार प्रतुल मुखोपाध्याय का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से संगीत जगत में गहरी शोक लहर दौड़ गई है। पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस दुखद घटना की पुष्टि की है।
संगीत की दुनिया के महान हस्ताक्षर
प्रतुल मुखोपाध्याय को विशेष रूप से उनके सामाजिक मुद्दों पर आधारित गीतों के लिए जाना जाता था, जिनमें वह बगैर किसी वाद्ययंत्र के गाने की अपनी विशिष्ट शैली के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी आवाज़ ने लाखों दिलों को छुआ और उनके गीतों ने लोगों में सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा दिया। ‘आमी बांग्ला गण गाई’ और ‘डिंगा भाषाओ सागोर’ जैसे गीतों ने उन्हें अपार प्रसिद्धि दिलाई। उनकी रचनाओं में संगीत के साथ-साथ समाज के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता भी झलकती थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जताया दुख
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रतुल मुखोपाध्याय का योगदान संगीत जगत में हमेशा याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही एसएसकेएम अस्पताल जाकर गायक से मुलाकात की थी और उनके इलाज के बारे में जानकारी ली थी। ममता बनर्जी ने उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
राज्यपाल का शोक संदेश
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हम एक महान गायक और गीतकार को खो चुके हैं। उन्होंने कहा, “उनके गीतों ने बांग्ला संगीत को एक नया आयाम दिया और उनकी आवाज़ हमेशा हमारे दिलों में गूंजेगी।” राज्यपाल ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
सांस्कृतिक परिसर रवींद्र सदन में श्रद्धांजलि
पश्चिम बंगाल सरकार ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि प्रतुल मुखोपाध्याय का पार्थिव शरीर अंतिम श्रद्धांजलि के लिए रवींद्र सदन में रखा जाएगा, जो राज्य सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है। उनके शरीर को चिकित्सा प्रयोजनों के लिए दान करने की उनकी इच्छा के अनुसार, रवींद्र सदन से एसएसकेएम अस्पताल के एनाटॉमी विभाग में भेजा जाएगा।
स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे प्रतुल मुखोपाध्याय
प्रसिद्ध गायक प्रतुल मुखोपाध्याय लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। वह अग्नाशय संबंधी बीमारियों और वृद्धावस्था से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त थे। उन्हें हाल ही में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सर्जरी भी की गई थी। लेकिन सर्जरी के बाद उनकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और शनिवार को उनका निधन हो गया।
संगीत जगत में अपूरणीय क्षति
प्रतुल मुखोपाध्याय के निधन से बांग्ला संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनकी आवाज़ और उनके गीतों ने न सिर्फ बांग्ला संगीत को एक नई दिशा दी, बल्कि उनकी रचनाओं ने भारतीय संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी एक विशेष जगह बनाई। उनका संगीत आज भी लाखों लोगों के दिलों में जीवित रहेगा, और उनकी रचनाओं का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक जारी रहेगा। उनके योगदान और संगीत की विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा और उनका नाम भारतीय संगीत इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज रहेगा।

 
														
