प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के सैम हिगिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (SHUATS) में गहरा वित्तीय संकट सामने आया है। विश्वविद्यालय ने जुलाई 2025 से 10 डिपार्टमेंट्स बंद करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही, 53 शिक्षकों की सेवा भी समाप्त की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस बारे में नोटिस जारी कर दिया है, जिससे अब शुआट्स में हड़कंप मच गया है।
कौन से विभाग होंगे बंद?
विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डॉ. रानू प्रसाद द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी किए गए नोटिस के मुताबिक, 1 जुलाई 2025 से निम्नलिखित विभागों को बंद किया जाएगा:
सिविल इंजीनियरिंग विभाग
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग
वस्त्र और परिधान डिजाइनिंग विभाग
परिवार संसाधन प्रबंधन और उपभोक्ता विज्ञान विभाग
मानव विकास और परिवार अध्ययन विभाग
प्रसार शिक्षा और संचार प्रबंधन विभाग
फिल्म और मास कम्युनिकेशन स्कूल
पुस्तकालय और सूचना विज्ञान अनुभाग
इन विभागों में कुल 200 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इन छात्रों के शैक्षिक हितों की रक्षा की जाएगी और वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे।
53 शिक्षकों की सेवा समाप्त
इन विभागों में कार्यरत 53 शिक्षकों की सेवा एक जुलाई से समाप्त कर दी जाएगी। ये सभी शिक्षक स्ववित्तपोषित पदों पर कार्यरत थे और पिछले कुछ महीनों से बिना वेतन के काम कर रहे थे। शुआट्स के कुल सचिव डॉ. रानू प्रसाद ने नोटिस जारी करते हुए यह जानकारी दी कि विभागों के प्रमुखों को इस फैसले की सूचना दी गई है और इसका पालन विश्वविद्यालय के स्टेट्यूट्स के अनुसार किया जाएगा।
वित्तीय संकट का कारण
SHUATS के इस वित्तीय संकट के पीछे कई कारण हैं। विश्वविद्यालय में पहले जिन डिपार्टमेंट्स की लोकप्रियता बहुत अधिक थी, वे अब छात्रों की संख्या में कमी के कारण संकट में हैं। खासकर, 2003 में शुरू किए गए स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के तहत चल रहे इन डिपार्टमेंट्स की स्थिति अब संकटग्रस्त हो गई है।
इसके अलावा, विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताएं और आपराधिक मामलों के कारण भी स्थिति और खराब हो गई। SHUATS के पूर्व कुलपति आरबी लाल और उनके भाई विनोद बी लाल पर वित्तीय हेराफेरी और नियुक्तियों में धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। फरवरी 2023 में यूपी एसटीएफ ने इन दोनों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। इसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय की साख पर बुरा असर पड़ा और छात्रों की संख्या में गिरावट आई।
विवि प्रशासन पर आरोप
शुआट्स के कुलपति और उनके परिवार के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं। इसके अलावा, 69 शिक्षकों की नियुक्तियों में गड़बड़ी का मामला भी सामने आया था। विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की कमाई का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत मामलों को सुलझाने में किया, जिससे विश्वविद्यालय को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।