नई दिल्ली: दक्षिण जिला पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए प्रिंस तेवतिया गैंग के चार शूटरों को गिरफ्तार कर संभावित गैंगवार को टाल दिया। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बीआरटी रोड पर नाकाबंदी कर इन बदमाशों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राकेश उर्फ राका (दक्षिणपुरी), हनी रावत उर्फ बड़ी (संगम विहार), रिशू प्रसाद उर्फ मोनू (जहांगीरपुरी) और दिलशाद उर्फ गोलू के रूप में हुई है।
अवैध हथियार बरामद
पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन पिस्तौल, छह जिंदा कारतूस, एक देसी कट्टा, दो कारतूस और एक कार बरामद की है। डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के तहत चल रहे अभियान का हिस्सा थी।

गुप्त सूचना पर बिछाया जाल
स्पेशल स्टाफ की टीम को सूचना मिली थी कि प्रिंस तेवतिया गैंग के सदस्य बीआरटी रोड पर किसी वारदात की फिराक में हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर गिरीश चंद्र की देखरेख में एसआई दिनेश कुंडू, एसआई नवीन, एएसआई अशोक, एएसआई संजय और अन्य पुलिसकर्मियों ने रात 10 बजे मदनगीर के डीडीए फ्लैट्स के पास जाल बिछाया। संदिग्ध कार दिखने पर पुलिस ने तुरंत उसे रोका और चारों आरोपियों को हथियारों सहित गिरफ्तार कर लिया।
जेल से छूटते ही बदले की साजिश
पूछताछ में राकेश उर्फ राका ने खुलासा किया कि वह जेल में हुए हमले का बदला लेना चाहता था। वह 2019 से हत्या के प्रयास के मामले में जेल में था और 6 मार्च को हाई कोर्ट से जमानत पर छूटा था। जेल से बाहर आते ही उसने हनी रावत, रिशू और दिलशाद के साथ मिलकर प्रतिद्वंद्वी गैंग के सदस्यों को निशाना बनाने की योजना बनाई।
गैंग का प्रभुत्व फिर से स्थापित करने की योजना
चारों शूटर प्रिंस तेवतिया गैंग को फिर से संगठित कर उसका प्रभुत्व कायम करना चाहते थे, जो अप्रैल 2023 में गैंग के सरगना प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद कमजोर हो गया था। उनके प्रभुत्व क्षेत्र पर विरोधी गैंग ने कब्जा कर लिया था। राकेश ने बताया कि वह अंबेडकर नगर और मालवीय नगर में सक्रिय प्रतिद्वंद्वी सदस्यों को खत्म कर गैंग की साख बहाल करना चाहता था।
आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज
जांच में पता चला कि आरोपी राकेश के खिलाफ 12, हनी के खिलाफ 9 और रिशू के खिलाफ 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं। डीसीपी चौहान ने कहा कि यह गिरफ्तारी दक्षिण दिल्ली में अपराध पर नकेल कसने में अहम साबित होगी। पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी है।