घाटशिला : पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला थाना क्षेत्र में एक बार फिर लालच दिखाकर लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली गई। गोपालपुर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे एक कांप्लेक्स में एक माह पहले दक्षिण भारत की एक कंपनी मेसर्स वेंटरी ट्रेडर्स के नाम से खुली थी। वहां डेमो दिखाकर लोगों से कहा गया कि यदि पूरा पैसा एडवांस देंगे, तो दस दिन में आधी कीमत पर सामान दे दिया जाएगा। अनुमान है कि ऐसा करके वह करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गया। दरअसल, वह दुकान प्रत्येक सोमवार को शाम को 4 बजे खुलती थी। लेकिन इस बार दुकान नहीं खुली। मंगलवार को भी जब लोग दुकान के पास जुटे, तो दुकान बंद मिली। इस बात की खबर मिलते ही सुबह से ही लोग दुकान के पास जुटने लगे। जब हंगामा होने लगा, तो पुलिस को किसी ने सूचना दी। खबर मिलते ही पुलिस पहुंची और लोगों से कहा कि ऑनलाइन या ऑफलाइन, जिन्होंने भी पैसा जमा किया है, वे थाने आकर लिखित शिकायत करें। काफी संख्या में लोगों ने थाने में लिखित शिकायत की है। धोखाधड़ी का मामला होने के कारण स्थानीय प्रशासन को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।. अंचलाधिकारी निशांत अंबर ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों से विस्तृत जानकारी ली। आक्रोशित लोग प्रशासन से मांग कर रहे थे कि दुकान का ताला तोड़कर जो भी सामान है, कंपनी या दुकानदार द्वारा दी गई रसीद के आधार पर दी जाए। सीई ने आश्वासन दिया कि ऐसी स्थिति में जांच पूरी होने तक लोगों को धैर्य बनाकर रहना होगा। मोबाइल स्विच ऑफ होने से कुछ नहीं होगा। आधार कार्ड, पैन नंबर, जीएसटी नंबर से भी इन लोगों का पता किया जाएगा। इसके बावजूद लोगों की भीड़ दिन भर परिसर के पास जुटी रही।
कई लोगों को सामान देकर जमाया विश्वास
दक्षिण भारत के नाम पर खुली इस कंपनी ने घरेलू सामान के साथ-साथ फर्नीचर आदि सामान भी 40 से 50 प्रतिशत डिस्काउंट पर लोगों को बुकिंग के 10 दिन बाद देने का वादा किया था। एक माह में कई लोगों को कंपनी द्वारा सामान दिया भी गया, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ता चला गया। बुकिंग करने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी। यहां तक की ठेला-रिक्शा चलाने वाले भी सस्ता सामान देखकर 10 से 15 हजार रुपये तक जमा किए थे। कई लोगों ने तो बेटी की शादी के लिए पलंग, ड्रेसिंग टेबल, टीवी, फ्रिज सहित कई अन्य सामान बुक किए थे।
लोगों ने प्रशासन को ठहराया जिम्मेदार
ठगी के शिकार हुए लोगों ने प्रशासन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक महीने से कंपनी यहां लोगों से पैसे वसूल रही थी, लेकिन प्रशासन ने जांच नहीं की। इसी का नतीजा है कि गरीब से गरीब लोग ठगी के शिकार हो गए। बताया जा रहा है कि कंपनी द्वारा घाटशिला थाना, पंचायत के मुखिया, अपार्टमेंट के मालिक के पास भी कागजात जमा किया गया है। कागजात देकर दुकान खोलने की अनुमति ली थी। लोग ग्राहक से ज्यादा दोषी प्रशासन को मान रहे हैं। बाइक जांच के नाम पर पुलिस लोगों को परेशान करती रहती है, पर इस कंपनी के कागजात की जांच करने के लिए समय नहीं मिला।
थाना प्रभारी ने भी दिया लोगों को धैर्य रखने का आश्वासन
घाटशिला थाना प्रभारी सह प्रशिक्षु आईपीएस ऋषभ त्रिवेदी ने लोगों से कहा कि इनके पास सारे कागजात हैं। जीएसटी नंबर एवं ट्रेड लाइसेंस भी लिया है। किसी ने किसी तरह कंपनी के मालिक तक पुलिस पहुंचने का प्रयास करेगी। दुकान तोड़कर सामान देना या पैसा वापस करना पुलिस के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
राज डॉट कॉम की याद आई
कुछ इसी तरह का मामला जादूगोड़ा में राज डॉट कॉम ने किया था। करीब 9 वर्ष पहले इस मामले में एजेंसी का संचालक कमल सिंह गिरफ्तार भी हुआ था। इस मामले में यूसीआईएल के एक बड़े अधिकारी की नौकरी चली गई थी। इस घटना की चर्चा भी लोग अब करने लगे हैं कि लालच का अंजाम ऐसा ही होता है। एक दशक पहले भी घाटशिला थाना क्षेत्र के लालडीह मोहल्ले में इस तरह की धोखाधड़ी का मामला हुआ था। उस समय ठग लगभग 6 माह बाद पैसा लेकर फरार हुआ था।
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