जमशेदपुर : झारखंड के चाईबासा स्थित टाटा काॅलेज के एकाउंट से चार करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया है। यह निकासी चार फरवरी को हुई है। इसकी जानकारी चाईबासा स्थित पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक द्वारा 18 फरवरी को दी गई है। इस कारण मामला संदिग्ध बना हुआ है। इसके पीछे कौन-कौन हैं, इस बात का अभी पता नहीं चला है।
एकाउंट कालेज का ही है, लेकिन इसके संचालन का अधिकार विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार व वित्त पदाधिकारी को ही होता है। इस कारण कोल्हान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डाॅ. परशुराम सियाल की ओर से चाईबासा के मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी में बताया गया है कि चार करोड़ की राशि कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डाॅ. विनय कुमार सिंह व टाटा कालेज चाईबासा के लेखपाल के फर्जी हस्ताक्षर से इसकी निकासी की बात लिखी गई है।
आवेदन में बताया गया है कि यह राशि कटक व रामगढ़ की एक कंपनी के नाम पर ट्रांसफर की गई है। इसकी सूचना राजभवन एवं अन्य संबंधित वरीय पदाधिकारियों को लिखित रूप से कोल्हान विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा दी गई है। वहीं थाना प्रभारी रंजीत उरांव ने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले का अनुसंधान बुधवार से किया जाएगा। इस मामले में पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर से भी पूछताछ होगी।
ए अकाउंट से बी अकाउंट में ट्रांसफर होती है राशि
नियम के अनुसार, काॅलेज के ए अकाउंट से राशि की निकासी नहीं हो सकती है। इसे पहले बी अकाउंट में ट्रांसफर करना होता है। निकासी के समय काॅलेज के प्रिंसिपल व बर्सर का भी हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। इस कारण कालेज या विश्वविद्यालय के लेखा विभाग से भी पूछताछ की जा सकती है।
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