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Jharkhand: 56 वर्षीय गंगा उरांव की सफलता की कहानी : 40 रुपये के अभाव में छूटा था सपना, अब मैट्रिक पास कर रच दिया इतिहास

गंगा उरांव ने 56 वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा दी और 47.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सफलता हासिल की।

by Reeta Rai Sagar
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रांची : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने मंगलवार को मैट्रिक परीक्षा 2025 का रिजल्ट जारी कर दिया। इस बार कुल 91.71% छात्र सफल हुए। इस परीक्षा में कई प्रेरणादायक कहानियां सामने आईं, लेकिन सबसे खास रही खूंटी जिले के 56 वर्षीय गंगा उरांव की कहानी, जिन्होंने उम्र की परवाह किए बिना अपने अधूरे सपने को पूरा किया।

56 साल की उम्र में दी परीक्षा, मिले 47.2% अंक

गंगा उरांव ने 56 वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा दी और 47.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सफलता हासिल की। वे डीएसई (जिला शिक्षा अधीक्षक) कार्यालय में बीते 16 वर्षों से दैनिक वेतन पर चपरासी के रूप में कार्यरत हैं।

गरीबी के कारण नहीं दे पाए थे परीक्षा, फीस भरने को नहीं थे 40 रुपये

गंगा उरांव ने बताया कि वे बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण 10वीं बोर्ड की परीक्षा नहीं दे सके। रजिस्ट्रेशन के लिए महज 40 रुपये नहीं होने के कारण उनका सपना अधूरा रह गया था। अब वर्षों बाद उन्होंने दोबारा हिम्मत जुटाई और परीक्षा देकर अपने सपने को पूरा किया।

परिवार में खुशी का माहौल, मां की आंखों में चमक

गंगा की सफलता से उनके परिवार में जश्न का माहौल है। उनकी मां अपने बेटे की यह उपलब्धि देखकर बेहद खुश हैं। वर्षों पुराना सपना पूरा होने पर पूरे गांव में गंगा की सराहना हो रही है।

नौकरी स्थायी नहीं हो पाने का था दर्द, अब जताई उम्मीद

गंगा उरांव पिछले 16 वर्षों से प्रतिदिन करीब ₹9,000 वेतन पर काम कर रहे हैं। वे कई बार नौकरी को स्थायी कराने की गुहार लगा चुके थे, लेकिन मैट्रिक की डिग्री न होने के कारण हर बार उनकी बात टाल दी जाती थी। अब जब उन्होंने परीक्षा पास कर ली है, तो उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उनकी नौकरी भी स्थायी हो जाएगी।

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