Home » Govardhan Puja 2024 : जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महात्म्य

Govardhan Puja 2024 : जानें सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महात्म्य

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष गोवर्धन पूजा का आयोजन 2 नवंबर को किया जाएगा। प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को संध्या 6.17 बजे होगी, जबकि इसका समापन 2 नवंबर को रात्रि 8.22 बजे होगा। चूंकि इस दिन उदया तिथि है इसलिए पूजा 2 नवंबर को ही मनाई जाएगी।

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

फीचर डेस्क : गोवर्धन पूजा जो हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विधान है। इसे कुछ स्थानों पर अन्नकूट भी कहा जाता है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा को लेकर कुछ भ्रम है, जिसे हम स्पष्ट करेंगे।

गोवर्धन पूजा 2024 की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष गोवर्धन पूजा का आयोजन 2 नवंबर को किया जाएगा। प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को संध्या 6.17 बजे होगी, जबकि इसका समापन 2 नवंबर को रात्रि 8.22 बजे होगा। चूंकि इस दिन उदया तिथि है इसलिए पूजा 2 नवंबर को ही मनाई जाएगी।

शुभ मुहूर्त

ज्योतिष के अनुसार गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर की संध्या को रहेगा। यह विशेष मुहूर्त 6.30 बजे से 8.45 बजे तक रहेगा, जिसमें भक्तजन पूजा कर सकते हैं। इस अवधि के दौरान पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

गोवर्धन पूजा का महात्म्य

गोवर्धन पूजा का धार्मिक महात्म्य अत्यधिक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर इंद्र देव के अहंकार को चूर कर दिया था। इसी दिन से गोवर्धन पर्वत की पूजा की परंपरा शुरू हुई। इस पूजा का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है-प्रकृति की रक्षा और उसके प्रति आभार व्यक्त करना।

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है। भक्तजन इस दिन विशेष रूप से अपने परिवार के साथ मिलकर पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गोवर्धन पूजा के अनुष्ठान

इस दिन भक्तगण गोवर्धन पर्वत की छोटी प्रतिमा बनाते हैं और उसे पूजा स्थल पर स्थापित करते हैं। इसके बाद, गायों की पूजा की जाती है, जिन्हें इस दिन विशेष रूप से सजाया जाता है। पूजा के दौरान भक्तजन भगवान कृष्ण की लीलाओं का स्मरण करते हैं और उन्हें अपने घर में आमंत्रित करते हैं।

गोवर्धन पूजा का पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी और कृतज्ञता। इस दिन किया गया हर दान और पुण्य हमें एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करता है। इसलिए इस वर्ष 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा का आयोजन करें, उचित समय पर पूजा करें और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करें।

Read Also- पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों के पुनर्निर्माण की शुरुआत : जयशंकर के दौरे का असर

Related Articles